वाराणसी के वरुणापार क्षेत्र में दस घंटे बिजली गुल, उमस भरी गर्मी में पानी के लिए लोग रहे परेशान
बारिश के कारण वरुणापार क्षेत्र में सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक बिजली गुल रही। कैथी मेन सप्लाई का पिन इंसुलेटर पंक्चर हो गया और गोइठहां फीडर का दो केबल बाक्स लालपुर और उदयपुर फीडर का एक-एक केबल बाक्स जल गया। इस कारण बिजली आपूर्ति में व्यवधान हुआ।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। शुक्रवार को सुबह हुई बारिश के कारण वरुणापार क्षेत्र में सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक बिजली गुल रही। इस दौरान लोग बिजली-पानी के लिए परेशान रहे। उमस भरी गर्मी में दिन का काम तो इन्वर्टर से चल गया। शाम होते-होते जब इन्वर्टर की बैटरी डिस्चार्ज हो गई तो लोगों का धैर्य जवाब दे गया। दरअसल सुबह में बारिश के दौरान तेज बिजली कड़कने के कारण कैथी मेन सप्लाई का पिन इंसुलेटर पंक्चर हो गया और गोइठहां फीडर का दो केबल बाक्स लालपुर और उदयपुर फीडर का एक-एक केबल बाक्स जल गया। इस कारण लगभग दस घंटे बिजली आपूर्ति में व्यवधान उत्पन्न हुआ। इस कारण सोएपुर, गोइठहां, लमही, ऐढे, मढवां सहित अन्य क्षेत्रों की बिजली गुल रही। वहीं पांडेयपुर उपकेंद्र से निकलने वाला शिवपुर फीडर सुबह करीब साढ़े दस बजे बंद हो गया। कारण कि सातो महुआ मेन सप्लाई में भी कुछ तकनीकी समस्या आ गई थी। इस कारण इस फीडर से जुड़े क्षेत्रों में आपूर्ति बंद थी। शाम पांच बजे पांच मिनट के लिए बिजली आई तो लोगों ने एकबार राहत की सांस ली। फिर बिजली चले जाने से लोग परेशान हो उठे। लोगों ने उपकेंद्र से लगायत जिम्मेदार अभियंताओं का सीयूजी नंबर घनघनाया, लेकिन माकूल जवाब नहीं मिला।
अधिकारियों ने बताया कि पिन इंसुलेटर पंचर होने के कारण फाल्ट ढूढ़ने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। पिन इंसुलेटर बदलकर आपूर्ति बहाल करने में करीब दस घंटे का समय लग गया। रात नौ बजे आपूर्ति बहाल हुई तो एकाएक लोड पड़ने के कारण फिर कई फीडर ट्रिप कर गए। ग्रामीण क्षेत्रों में भी दिनभर लोगों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ा।
बिजलीकर्मियों ने की मांग क्षतिपूर्ति की राशि हो 20 लाख : पूर्वांचल विद्युत संविदा मजदूर संघ, अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ, भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को बिजली संविदाकर्मियों के साथ पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड भिखारीपुर स्थित प्रबंध निदेशक कार्यालय पर धरना दिया। वक्ताओं ने कहा कि विद्युत प्रबंधन संविदाकर्मियों की समस्याओं पर उदासीन हैं। आए दिन सुरक्षा उपकरण के अभाव में कार्य करते समय दुर्घटनाएं घट जाती हैं। मृतक क्षतिपूर्ति के नाम पर केवल पांच लाख रुपये की बीमा राशि दी जाती है। इसे 20 लाख रुपए किया जाए। पदाधिकारियों ने निदेशक कार्मिक सुरेश कुमार बघेल को दस सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। इस दौरान विशेश्वर राय, राजेंद्र सिंह, एके श्रीवास्तव, एपी शुक्ला, देवेंद्र मिश्रा, सहदेव चौबे, राकेश पांडेय, जमुना पाल थे।