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काशी में रामायण के पात्रों के नाम मंदिरों की होगी स्‍थापना, भगवान राम के नाम से नया पंथ स्‍थापित

प्रभु श्रीराम की आस्था को जन-जन और कण-कण तक पहुंचाने के लिए श्रीराम आस्थावादियों के समूह ‘श्रीराम पंथ’ का शुभारंभ नवरात्रि के पहले दिन शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने किया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 01:07 PM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 01:07 PM (IST)
काशी में रामायण के पात्रों के नाम मंदिरों की होगी स्‍थापना, भगवान राम के नाम से नया पंथ स्‍थापित
श्री रामपंथ का सूत्र वाक्य ‘सबके राम, सब में राम’ को बनाया गया।

वाराणसी, जेएनएन। श्री रामपंथ की स्थापना के साथ ही 18 अक्टूबर को प्रथम गुरु मंत्र एवं दीक्षा समारोह का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही साकेत भूषण प्रभु श्रीराम एवं माता जानकी के साथ श्री भरत जी-माता माण्डवी जी, श्री लक्ष्मण जी-माता उर्मिला जी, श्री शत्रुघ्न जी-माता श्रुतकीर्ति जी, महाराज दशरथ-माता कौशल्या, माता कैकेयी, माता सुमित्रा, श्री इन्द्रेशेश्वर महादेव, माता पार्वती, श्री गणेश जी, श्री नन्दी जी, श्री कार्तिकेय जी, श्री केशरी जी-माता अंजनी, महर्षि वाल्मिकी जी, माता शबरी, पक्षीराज जटायु, सम्पाती, श्री विभीषण जी, श्री सुषेन वैद्य, माता त्रिजटा, राजा जनक, माता सुनयना, सुग्रीव, जाम्बवन्त, अंगद, नल, नील, श्री सुमंत्र जी, निषाद राज, माता अहिल्या, श्री दत्तात्रेय जी, गरूण, गिलहरी, मनधोदरी के मंदिर निर्माण हेतु शीला एवं भूमि पूजन किया जाएगा।

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विशाल भारत संस्थान एवं श्री इन्द्रेश आश्रम के संयुक्त तत्वाधान में नौ दिवसीय हनुमान चालीसा हवनात्मक महायज्ञ का आयोजन इन्द्रेश नगर, लमही में शुरू किया गया। प्रभु श्रीराम की आस्था को जन-जन और कण-कण तक पहुंचाने के लिए श्रीराम आस्थावादियों के समूह ‘श्रीराम पंथ’ का शुभारंभ नवरात्रि के पहले दिन शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने किया। नवरात्र में नवचंडी पाठ, हनुमान चालीसा हवनात्मक महायज्ञ की आहुति के साथ श्री रामपंथ के शुभारंभ की घोषणा की गई। महायज्ञ के मुख्य पुरोहित पंडित अनुज पांडेय एवं पंडित प्रदीप शास्त्री ने वैदिक विधि विधान से प्रथम दिवस का महायज्ञ सम्पन्न कराया। उन्होंने इंद्रेश कुमार को संकल्प दिलाकर गणेश एवं दत्तात्रेय के मंदिर निर्माण हेतु शिला एवं भूमि पूजन कराया।

श्री रामपंथ का सूत्र वाक्य ‘सबके राम, सब में राम’ को बनाया गया ताकि बिना किसी धर्म-जाति के भेद के राम की आस्था और भक्ति सब तक पहुंच सके। कुमार ने कहा कि आज पूरे विश्व को भगवान श्री राम के पथ पर चलने की जरूरत है। राम की भक्ति के सहारे ही पूरे विश्व को भेदभाव से मुक्त कराया जा सकता है। वैश्विक भेदभाव एक बड़ी चुनौती है। राम की भक्ति का सबको अधिकार है। आश्रम के संस्थापक डा. राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि दलित वर्ग को पुजारी बनने का प्रशिक्षण देकर श्री रामपंथ के मंदिरों की पूजा का दायित्व दिया जाएगा। यह आश्रम दलित बच्चों एवं किन्नर समुदाय को पूजा करने के वैदिक तरीके में प्रशिक्षित करेगा।

बताया कि श्री इन्द्रेश आश्रम का अंतरराष्ट्रीय केंद्रीय व्यवस्था प्रमुख सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अशोक सहगल को बनाया गया। विशिष्ट अतिथि मुंबई के आध्यात्मिक धर्मगुरु अरविन्द नागर ने कहा कि रामपंथ विश्व का सबसे उदार पंथ होगा। साथ ही यहां पर प्रभु श्रीराम के साथ ही माता जानकी से लेकर सभी माताएं, जटायु, विभीषण, मंदोदरी का भी मंदिर बनेगा। अध्यक्षता श्रीराम आस्थावादी दार्शनिक एवं संत चट्टो बाबा ने की। इस मौके पर प्रो. एसपी सिंह, डा. नीलेश दत्त, मोईन खान, अभिजीत सिंह, आनंद मिश्रा, अर्चना भारतवंशी, नजमा परवीन, नाजनीन अंसारी, डा. मृदुला जायसवाल, रमेश शर्मा, खुशी रमन, इली भारतवंशी, उजाला, दक्षिता भारतवंशी, शालिनी, सुनीता श्रीवास्तव, रमता श्रीवास्तव, पूनम श्रीवास्तव आदि ने भाग लिया।


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