काशी विश्वनाथ धाम कारिडोर हादसे की मंदिर और लोक निर्माण विभाग गठित करेंगे अलग-अलग जांच कमेटी
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण व सुंदरीकरण परियोजना के तहत बनाए जा रहे कारिडोर में शनिवार की रात गाड़ी से शीशे की शीट उतारने के दौरान हुए हादसे में मृत चंदौली के बबुरी निवासी मजदूर सिंटू के परिवारीजनों को आर्थिक मदद के रूप में पांच लाख रुपये दिए जाएंगे।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण व सुंदरीकरण परियोजना के तहत बनाए जा रहे कारिडोर में शनिवार की रात गाड़ी से शीशे की शीट उतारने के दौरान हुए हादसे में मृत चंदौली के बबुरी निवासी मजदूर सिंटू के परिवारीजनों को आर्थिक मदद के रूप में पांच लाख रुपये दिए जाएंगे। मंदिर प्रशासन ने रविवार को मृत मजदूर का पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार कराया। साथ ही उसकी पत्नी पिंका को आर्थिक मदद के रूप में मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने दो लाख रुपये का चेक सौंपा। शेष तीन लाख रुपये निर्माण कंपनी पीएसपी की ओर से पीड़ित परिवार को दिए जाएंगे। इसका चेक अहमदाबाद स्थित कंपनी मुख्यालय से बन कर आएगा। इसके अलावा हादसे में जख्मी चंदौली के मुगलसराय थाना क्षेत्र निवासी विनोद कुमार का मंडलीय अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसे मंदिर व कंपनी की ओर से 25-25 हजार यानी कुल 50 हजार रुपये की मदद की जाएगी।
कारिडोर क्षेत्र में शनिवार रात मालवाहक से शीशे की बड़ी-बड़ी शीट उतारी जा रही थी। इसी दौरान एक शीट गिरने से उसके नीचे दबे एक मजदूर सिंटू की मौत हो गई थी। एक अन्य मजदूर विनोद घायल हो गया था तो वाहन चालक मो. शाहिद को भी हल्की चोट आई थी। सीईओ सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि मंदिर प्रशासन ने हादसे की दो स्तरीय जांच का निर्णय लिया है। इसके लिए कार्यदायी एजेंसी लोक निर्माण विभाग और मंदिर प्रशासन अलग-अलग कमेटी गठित करेंगे ताकि किसी स्तर पर लापरवाही सामने आने पर कार्रवाई की संस्तुति की जा सके।
मायके जाते समय क्या पता था अब न होगा मिलना
घटना की जानकारी होने पर शनिवार देर रात मंडलीय अस्पताल पहुंची मृत सिंटू की पत्नी पिंका का रो-रोकर का बुरा हाल था। उसने बताया कि वह बेटा और बिटिया के साथ मायके गई थी। इस बीच सिंटू मजदूरी के लिए बनारस आ गया। पिंका ने कहा, जाते समय क्या पता था कि यह अंतिम बार मिलना हो रहा है, काश जान पाती तो न जाती और न जाने देती।
सवालों के घेरे में सुरक्षा इंतजाम
कारिडोर क्षेत्र में निर्माण कार्य की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को दो गई है। साल भर में तीसरी घटना से सुरक्षा व्यवस्था व मानकों के पाालन को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। जांच में यह भी प्रमुख बिंदु होगा। दरअसल, ग्लास शीट अनलोड करने के लिए मजदूर मैदागिन से बुलाए गए थे जो इस कार्य में दक्ष नहीं थे। हालांकि फिलहाल बताया यह जा रहा है कि अनलोडिंग की व्यवस्था आपूर्तिकर्ता की ओर से ही की गई थी, लेकिन साइट पर मानक की निगरानी को लेकर बड़ा सवाल सामने है। पिछली घटना में भी जब जर्जर भवन का एक हिस्सा गिरने पर दो मजदूरों की मौत और सात घायल हुए थे तो लोक निर्माण विभाग ने जांच में तमाम खामियों की ओर ध्यान दिलाया था।