मीरजापुर में मिट्टी के ढूहा में दबकर बालिका की मौत, चार घायल
मीरजापुर के सोठिया गांव में एक खंडहर के पास मिट्टी लेते समय मिट्टी की खदान ढह गई। इसके चलते आठ वर्ष की लड़की की घटनास्थल पर मौत हो गई। तीन घायल भी हो गए। । घटना के बाद मौके पर लोग जुट गए। वहां राहत कार्य भी जारी है।
मीरजापुर, जेएनएन। हलिया थाना क्षेत्र के सोठिया खुर्द गांव स्थित एक कच्चे मकान के खंडहर से अपने घर की छपाई करने के लिए मिट्टी लेने के लिए गई चार बालिका व एक बालक मिट्टी का ढूहा गिरने से गुरुवार की शाम दब गए। इसमें सात वर्षीय एक बालिका की मौत हो गई, जबकि तीन बालिका सहित चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। चीख -पुकार सुन ग्रामीणों की मदद से मलबा हटाकर सभी को आनन -फानन में पीएचसी हलिया लेकर गए। स्थिति गंभीर देख चिकित्सक ने सभी का प्राथिमक उपचार करने के बाद मंडलीय चिकित्सालय रेफर कर दिया।
हलिया थाना क्षेत्र के सोठिया खुर्द निवासी रामअधार हरिजन की बेटी अर्चना (7) भाई मंगरु की बेटी तेरसी (14), पड़ोसी पन्ना लाल का बेटा चैंपियन लाल(10) बेटी ममता (5), अनिषा (12) घर से करीब 300 मीटर दूर राम अवतार मौर्या के खंडहर हो चुके कच्चे मकान से घर की सफाई के लिए मिट्टी लेने गई थी। सभी एक साथ दीवार के नीचे से मिट्टी निकाल रहे थे कि एक बड़ा सा मिट्टी का ढूहा बालक -बालिकाओं के ऊपर गिर गया, जिसमें सभी दब गए। बालिकाओं के शोर मचाने पर पास में ही पशुओं को पानी पिला रहा एक युवक अन्य लोगों को सूचना देते हुए भागकर वहां पहुंचा। ग्रामीणों की मदद से युवक ने मलबा हटाकर सभी को बाहर निकालने के बाद निजी साधन कर आनन -फानन में पीएचसी हलिया ले गए। वहां देखते ही चिकित्सक अभिषेक जायसवाल ने अर्चना को मृत घोषित कर दिया जबकि अन्य का उपचार कर मंडलीय चिकित्सालय रेफर कर दिया।
मां के मना करने के बावजूद मिट्टी लेने चली गई अर्चना
ग्रामीणों ने बताया कि मृतका अर्चना की मां घर से सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर राशन लेने के लिए गई थी, लेकिन वहां जाने से पहले उसने अर्चना को मिट्टी लेने के लिए जाने से मना किया था। बावजूद इसके वह मां के चले जाने के बाद अन्य लड़कियों के साथ मिट्टी लेने चली गई। वह चार बहनों में तीसरे नंबर पर और प्राथमिक विद्यालय में कक्षा दो की छात्रा थी। रामअवतार मौर्य दस वर्ष पूर्व कच्चे मकान को छोडकर अपने गांव राजपुर चले गए थे जिससे कच्चा मकान खंडहर में तब्दील हो चुका है और अगल-बगल के लोग खंडहर से मिट्टी निकालकर अपने घरों के सफाई के प्रयोग में लेते थे। बालिका की मौत होने से गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी।