टीम दूर करेगी शहर में स्मार्ट मीटर की गड़बड़ी, बोले एमडी-नहीं सुधरे तो कंपनी पर होगी कार्रवाई
शहर में नवंबर तक 3.60 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाने थे लेकिन अभी तक 1.15 लाख ही लग पाए हैं। इसमें से भी करीब 30 हजार लोगों के बिल सही नहीं आ रहे हैं।
वाराणसी, जेएनएन। शहर में नवंबर तक 3.60 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाने थे लेकिन अभी तक 1.15 लाख ही लग पाए हैं। इसमें से भी करीब 30 हजार लोगों के बिल सही नहीं आ रहे हैं। बिल एवं मीटर में गड़बड़ी से लोग परेशान हैं। इन तमाम सवालों के जवाब में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के बालाजी ने कहा कि इस समस्या को दूर करने के लिए हर खंड में दो-दो टीम बनाई गई है। स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी ईईएसएल एवं एलएंडटी की भी अब जिम्मेदारी तय की जाएगी। कहा कि अगर सुधार नहीं हुआ तो इन पर कार्रवाई भी होगी।
ईईएसएल कंपनी ने वाराणसी में करोड़ों रुपये के एलईडी बल्ब एवं पंखे बेचे। वारंटी अवधि में खराब होने के बाद लोग जब बल्ब बदलने जा रहे तो कंपनी का कोई अता-पता ही नहीं। विभाग भी इधर से उधर लोगों को टरका रहा है। इस पर एमडी ने कहा कि जल्द ही इस मामले पर भी कार्रवाई की जाएगी।
भेलूपुर में बनेगा एलएंडटी का कार्यालय
एमडी बालाजी ने कहा कि जल्द ही भेलूपुर स्थित बिजली कार्यालय में एलएंडटी का कार्यालय खुलेगा जहां पर कंपनी के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। उनकी जिम्मेदारी होगी कि उपभोक्ताओं की समस्या का तत्काल निस्तारण हो।
एमडी ने माना कम हो रही प्रो बिलिंग
एमडी ने माना कि प्रो-बिलिंग कम हो रही है। इसके कारण विभाग का ही नुकसान हो रहा है। कंपनी को प्रो-बिलिंग बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही उन्होंने यह भी माना कि बिल व मीटर में खराबी साफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण हो रही है।
अब डीएम के घर भी जाएगा बिजली का बिल
एमडी ने कहा कि सरकारी विभागों से भी बकाया वसूली तेज किया गया है। जल्द ही स्थानीय कार्यालयों में प्री-पेड मीटर लगेंगे जिसके बाद संबंधित विभाग जितने का रीचार्ज कराएगा उतनी ही बिजली मिलेगी। एमडी ने यह भी कहा कि अब तो डीएम, एसएसपी के घर भी बिजली का बिल भेजना शुरू किया गया है।
उपकेंद्र पर ही दूर हो समस्या
एमडी ने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि उपकेंद्र पर ही उपभोक्ताओं की समस्या दूर हो जाए। इसके लिए जेई भी जिम्मेदार है। उन्हें डिफाल्टर रजिस्टर बनाने का निर्देश दिया गया है। कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जो भी घर बाकी रह गए हैं उनके यहां सौभाग्य योजना के तहत बिजली पहुंचाई जा रही है।