गाजीपुर में विद्यालय का काम छोड़ सो रहे थे शिक्षक, बीएसए ने 13 का रोका वेतन
कोरोना के चलते बच्चे विद्यालय नहीं आ रहे हैं और इधर शिक्षक विभागीय काम निबटाने की जगह विद्यालय में बैठे-बैठे ऊंघ रहे हैं। कुछ यही तस्वीर देखने को मिली प्राथमिक विद्यालय अलावलपुर कासिमाबाद में। इसके अलावा और तमाम अनियमिताएं मिलीं।
गाजीपुर, जेएनएन। कोरोना के चलते बच्चे विद्यालय नहीं आ रहे हैं, और इधर शिक्षक विभागीय काम निबटाने की जगह विद्यालय में बैठे-बैठे ऊंघ रहे हैं। कुछ यही तस्वीर देखने को मिली प्राथमिक विद्यालय अलावलपुर कासिमाबाद में। इसके अलावा और तमाम अनियमिताएं मिलीं। बीएसए ने अलावलपुर सहित तीन और परिषदीय विद्यालयों के 13 शिक्षकों व शिक्षामित्रों का वेतन रोक दिया। इसके साथ उन्हें नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण भी मांगा।
बीएसए ने शुक्रवार को कासिमाबाद ब्लाक के चार परिषदीय स्कूलों प्राथमिक विद्यालय मेख, जहूराबाद, अलावलपुर व पूर्व माध्यमिक विद्यालय शक्करपुर कला का औचक निरीक्षक किया। इस दौरान अलावलपुर में तैनात महिला शिक्षक सोती हुई मिलीं। इस पर बीएसए ने सभी को कड़ी फटकार लगाई। किसी भी विद्यालय में ई-पाठशाला का ठीक से संचालन नहीं हो रहा था और न ही विद्यालय समिति की बैठक कराई गई थी। कंपोजिट ग्रांट को नियमानुसार खर्च नहीं किया गया था। किसी भी विद्यालय में रङ्क्षनग वाटर व मल्टीपल हैंडवास सिस्टम नहीं मिला। किसी भी विद्यालय में बच्चों की संख्या पर्याप्त नहीं थी। जो बच्चे भी पंजीकृत हैं, उनको भी ड्रेस अभी तक वितरित नहीं हुआ था। विद्यालय परिसर में साफ-सफाई का भी अभाव था।
इनका रोका वेतन
- प्राथमिक विद्यालय मेख की प्रधानाध्यापक अर्चना के साथ दो सहायक अध्यापक अंशु व सुधा।
- प्राथमिक विद्यालय जहूराबाद के प्रभारी प्रधानाध्यापक मो. नसीम, शिक्षामित्र सुमन ङ्क्षसह व रुखसाना बानो।
- प्राथमिक विद्यालय अलावलपुर के प्रधानाध्यापक शिवमंगल यादव, शिक्षामित्र पद्मश्री, आरती कुशवाहा व शबनम बानो
- पूर्व माध्यमिक विद्यालय शक्करपुर कला के प्रधानाध्यापक राजेश ङ्क्षसह व सहायक अध्यापक प्रमोद यादव और सुमन देवी।
बहुत सारे शिक्षक निर्देश का पालन नहीं कर रहे हैं
विद्यालय केवल बच्चों के लिए बंद किया गया है। शिक्षकों को नियमित आना है और विभागीय कार्य निबटाना है, लेकिन बहुत सारे शिक्षक निर्देश का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे विद्यालयों का निरीक्षण कर लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई की जा रही है।
- श्रवण कुमार, बीएसए।