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जल संरक्षण के लिए मन से समर्पित हैं जौनपुर का तनवीर, निजी भूमि में तालाब खोदवाने के साथ पौधरोपण

जल संरक्षण के लिए तन मन व धन से समर्पित मोहम्मद हसन तनवीर एक मिसाल बन गए हैं। इन्होंने अपनी भूमि में तालाब खोदवाकर न सिर्फ बूंद-बूंद को संरक्षित कर रहे हैं बल्कि उसमें मछली पालन करके अच्छी आय भी अर्जित कर रहे हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 29 Apr 2021 01:22 PM (IST)Updated: Thu, 29 Apr 2021 05:58 PM (IST)
जल संरक्षण के लिए मन से समर्पित हैं जौनपुर का तनवीर, निजी भूमि में तालाब खोदवाने के साथ पौधरोपण
निजी भूमि में तालाब खोदवाने के साथ ही पौधों रोपण

जौनपुर [संतोष पांडेय] । जल संरक्षण के लिए तन, मन व धन से समर्पित मोहम्मद हसन तनवीर एक मिसाल बन गए हैं। इन्होंने अपनी भूमि में तालाब खोदवाकर न सिर्फ बूंद-बूंद को संरक्षित कर रहे हैं, बल्कि उसमें मछली पालन करके अच्छी आय भी अर्जित कर रहे हैं। इतना ही नहीं अपने पर्यावरण प्रेम के चलते बड़े पैमाने पर पौधारोपण करके आबोहवा को भी बेहतर बनाए हुए हैं।

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क्षेत्र के खानबड़ेपुर (हमजापुर) निवासी तनवीर कहते हैं कि हरियाली से लगाव उन्हें बचपन से ही है। प्रकृति के करीब रहने से न सिर्फ तन-मन तरोताजा होता है, बल्कि शांति व सुकून का भी अहसास होता है। जब दोनों मिलेंगे तो स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। कहते हैं कि पानी जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है इसके प्रति लोग आज भी गंभीर नहीं हैं।

बताया कि घर के अगल-बगल मैंने काफी पौधे रोपे थे। जिसमें आम, अंजीर, अमरूद, सहतूत, नींबू समेत अन्य फलदार पौधों के अलावा तमाम प्रकार के सजावटी पौधे भी हैं। इन पौधों में पानी देने के लिए सबमर्सिबल पंप का सहारा लेना पड़ता था। बारिश व जाड़े तक तो ठीक रहता था, लेकिन गर्मी के दिनों में पानी कम हो जाता था। इसके बाद मेरे जेहन में ख्याल आया कि क्यों न खाली जमीन में तालाब खोदवाकर उसमें बारिश के जल संरक्षित करें। इसके बाद 70 X 70 फीट का तालाब खोदवाया। इसके बाद आसपास का बारिश का पानी उसमें लाने के लिए नाला बनवाया। इससे बारिश में कभी इधर-उधर बहने वाला पानी अब तालाब में जमा होता है। जो सालभर तक संचित रहता है।

इस तालाब के कारण हमारे अगल-बगल एक बड़े एरिया में भूमिगत जलस्तर उपलब्धता बनी रहती है। इसके साथ ही तालाब में मछलियां भी पाल रखी है। इनके जरूरत से ज्यादा होने पर बेच कर उस पैसे का उपयोग खेती-किसानी में करता हूं। बताया कि ऐसा करने के लिए मैं आसपास के गांव के लोेगों को भी प्रेरित करता रहता हूं। कहता हूं कि अगर जीवन के लिए कुछ जरूरी है तो वह है हवा व पानी। इसे संरक्षित करिए। रुपया-पैसा तो होता रहेगा।


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