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स्वाइन-फ्लू : स्वास्थ्य विभाग ने कसी कमर, सीएचसी-पीएचसी पर पांच-पांच तो जिला अस्पताल में दस बेड का बना वार्ड

ठंड का मौसम शुरू होते ही स्वाइन फ्लू जैसी गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 08:30 AM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 04:59 PM (IST)
स्वाइन-फ्लू : स्वास्थ्य विभाग ने कसी कमर, सीएचसी-पीएचसी पर पांच-पांच तो जिला अस्पताल में दस बेड का बना वार्ड
स्वाइन-फ्लू : स्वास्थ्य विभाग ने कसी कमर, सीएचसी-पीएचसी पर पांच-पांच तो जिला अस्पताल में दस बेड का बना वार्ड

गाजीपुर, जेएनएन। ठंड का मौसम शुरू होते ही स्वाइन फ्लू जैसी गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है। सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जहां पांच-पांच बेड सुरक्षित किया गया है, वहीं जिला अस्पताल में इसके पीडि़त मरीजों के लिए दस बेड का वार्ड भी बनाया गया है। इसके अलावा औषधि भंडार केंद्र पर बीमारी से संबंधित उपलब्ध दवाइयों की जानकारी भी शासन को भेज दी गई है।

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सर्द मौसम के दस्तक देने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है। हालांकि अभी तक जिले में स्वाइन फ्लू का कोई भी मामला नहीं आया है, लेकिन एहतियात के तौर पर विभाग के अधिकारियों ने सरकारी अस्पताल में तैनात अधीक्षकों सख्त दिशा-निर्देश भी जारी किया गया है। फिजिशियन डा. आरके सिन्हा ने बताया कि एंफ्लूएंजा नामक वायरस (एच1एन1) द्वारा तीव्र संक्रामक रोग है। प्रभावित व्यक्ति में सामान्य सर्दी जुकाम जैसे ही लक्षण पाए जाते हैं, जिसका उपचार होने पर मरीज ठीक हो जाता है। इधर शासन के निर्देश पर जिले के विभिन्न ब्लाकों पर स्थित सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जहां बीमारी से पीडि़त मरीजों के इलाज के लिए पांच-पांच बेड सुरक्षित किए गए है। वहीं जिला अस्पताल में इसके लिए दस बेड का वार्ड बनाया गया है। वहीं औषधि भंडार केंद्र में वर्तमान समय में टेमी फ्लू की करीब 1200 गोलियां सुरक्षित मौजूद है। सीएमओ डाक्‍टर जीसी मौर्या ने कहा कि सीएचसी-पीएचसी पर पांच-पांच बेड सुरक्षित कराया गया है। साथ ही जिला अस्पताल में पीडि़त मरीजों के लिए दस बेड का वार्ड बना है। स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है।

जांच की नहीं व्यवस्था

जिला अस्पताल समेत सीएचसी-पीएचसी पर स्वाइन फ्लू के मरीजों की जांच के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में चिकित्सकों द्वारा मरीजों को गैर जनपदों में जांच के लिए भेजा जाता है। इससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं जांच के अभाव में तत्काल उपचार नहीं मिलने से पीडि़त मरीजों की हालत गंभीर हो जाती है।

स्वाइन फ्लू के लक्षण : ठंड लगना, बुखार आना, खांसी व गले में खरास रहना, नाक बहना, शरीर व सिर में दर्द, थकावट ।

बचाव : हाथों को साबुन से धोना चाहिए। खांसते, छींकते समय मुंह व नाक पर कपड़ा रखें। सर्दी-जुकाम, बुखार होने पर भीड़भाड़ से बचें और पूरी नींद लें। विशेष चिकित्सकों से परामर्श लें। 


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