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वाराणसी में बोले योगेंद्र यादव - 'जल्द ही देश में 732 शाहीन बाग बनेंगे, इसका केंद्र उत्‍तर प्रदेश होगा'

स्वराज आंदोलन के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि महिलाएं जब सड़क पर उतरती हैं तो यह असली आवाज होती है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 03:56 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 09:53 PM (IST)
वाराणसी में बोले योगेंद्र यादव - 'जल्द ही देश में 732 शाहीन बाग बनेंगे, इसका केंद्र उत्‍तर प्रदेश होगा'
वाराणसी में बोले योगेंद्र यादव - 'जल्द ही देश में 732 शाहीन बाग बनेंगे, इसका केंद्र उत्‍तर प्रदेश होगा'

वाराणसी, जेएनएन। स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि पिछले पांच सप्ताह से देश भर में भारत जोड़ो आंदोलन चल रहा है। युवा और महिलाएं देश की सत्ता को चुनौती दे रही हैं। शाहीन बाग ने सभी को दिशा दिया है। आज देश भर में 32 स्थानों पर आंदोलन चल रहे हैं। जल्दी ही पूरे देश में 732 स्थानों पर शाहीन बाग जैसा आंदोलन किया जाएगा।

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योगेंद्र यादव कचहरी स्थित शास्त्री घाट पर नागरिकता अधिकार सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों संविधान का राज समाप्त कर दिया गया। पुलिस का राज था। 20 लोगों की पुलिस ने हत्या कर दी। वाराणसी में 76 लोगों के खिलाफ मुकदमें कर जेल में डाल दिया गया। अब दमन के बादल छंटने लगे हैं। लोग आगे आ रहे हैं। हम उत्तर प्रदेश को केंद्र बनाकर पूरे देश में आंदोलन को गति देंगे। कहा कि महिलाएं तभी घर से निकलती हैं जब पानी नाक से उपर जाने लगता है। सरकार पहले कहती थी कि मुस्लिम महिलाएं हमारे साथ हैं। अब कह रहे हैं कि वे 500 रुपये पर लाई गईं हैं। जल्दी ही सत्ता में बैठे लोग कहेंगे कि समाज हमारे खिलाफ है।

सीएए और एनआरसी दलित, आदिवासी और गरीब के खिलाफ, बोले- कन्नन गोपीनाथ

इस दौरान पूर्व आइएएस कन्नन गोपीनाथ ने लोगों से ही पूछा कि आप सीएए और एनआरसी का विरोध क्यों कर रहे हैं। जवाब आया कि मुसलमानों के खिलाफ है। कन्नन ने कहा कि स्पष्ट रूप से समझ जाएं कि सीएए व एनआरसी मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। यह दलित, आदिवासी और गरीब के खिलाफ है। अमीर चाहे मुसलमान हो या हिंदू उसके पास तो दस्तावेज हैं ही। दस्तावेज से वंचित गरीब है। इस कारण इसका विरोध करना है। भाकपा माले पोलित ब्यूरो के सदस्य रामजी राय ने कहा सत्ता में बैठे लोग बंटवारे में अपना भविष्य देखते हैं लेकिन अब समय आ गया है कि उन्हें सत्ता से भागना पड़ेगा। बैठक में सीएए के विरोध में गिरफ्तार होने के बाद जेल से छूट कर आए दर्जनों लोग भी शामिल रहे। सभा को प्रो. दीपक मलिक, प्रो. असीम, प्रो. प्रतिमा गौर आदि ने संबोधित किया। सभा में बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समाज के लोग शामिल रहे।


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