LT Grade Teacher Recruitment घोटाला के आरोपित का समर्पण, अंतरिम जमानत देने से कोर्ट का इंकार
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में हुई धांधली के मामले में एसटीएफ के बढ़ते दबाव को देखते हुए सोमवार को आरोपित विनोद कुमार शर्मा ने अदालत में समर्पण कर दिया।
वाराणसी, जेएनएन। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में हुई धांधली के मामले में एसटीएफ के बढ़ते दबाव को देखते हुए सोमवार को आरोपित विनोद कुमार शर्मा ने अदालत में समर्पण कर दिया। आरोपित की ओर से अंतरिम जमानत की अपील की गई थी। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण) पुष्कर उपाध्याय की अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपित की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दी और उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। आरोपित की अर्जी का विरोध प्रभारी डीजीसी मुनीब सिंह चौहान तथा अधिवक्ता सर्वेंद्र सिंह ने किया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 28 जुलाई 2018 लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों से रकम लेकर धांधली की गई है। इस मामले में 28 मई 2019 को एसटीएफ ने चोलापुर थाना क्षेत्र से कौशिक कुमार कर को गिरफ्तार कर इस धांधली को उजागर किया था। एसटीएफ ने अगले ही दिन प्रयागराज से लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार को भी गिरफ्तार किया। बाद में और भी आरोपित पकड़े गए। विवेचना के क्रम में छह जून 2020 को एसटीएफ ने दो इनामी आरोपितों अजीत चौहान तथा अजय चौहान को गिरफ्तार किया। दोनों से पूछताछ में मुगलसराय (चंदौली) का नाम प्रकाश में आने पर एसटीएफ ने विनोद की घेराबंदी शुरु कर दी। गिरफ्तारी से बचने के लिए विनोद कुमार शर्मा ने अदालत में समर्पण कर दिया और अंतरिम जमानत देने की अपील की गई। दलील दी कि उक्त प्रकरण में पकड़े गए दो आरोपितों के सिर्फ बयान के आधार पर उसे भी आरोपित किया गया है।
150 प्रश्नों में 120 ही कराया हल
लोक सेवा आयोग की ओर से 29 जुलाई 2018 को आयोजित एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में हुई धांधली के मामले में गिरफ्तार दो आरोपितों अजीत चौहान व अजय चौहान ने कई महत्वपूर्ण जानकारी एसटीएफ को दी है। दोनों आरोपितों ने बताया कि हम लोगों का यहां पर एक संगठित गैंग है जिसका मुखिया संजय वर्मा उर्फ रिंकू निवासी अलीनगर चंदौली है। ये सभी एलटी ग्रेड परीक्षा के एक दिन पूर्व वाराणसी आकर होटल में रुके थे। जहां गिरफ्तार दोनों आरोपितों से मुलाकात हुई। होटल में ही हिंदी और सामाजिक विषय के प्रश्नपत्र का उत्तर तैयार हुआ। प्रत्येक विषय में 150-150 प्रश्न पूछे गए थे। प्रश्न पत्र से मात्र 120 प्रश्नों का उत्तर अभ्यर्थियों को रटवा गया था, ताकि कोई अभ्यार्थी पूरा का पूरा प्रश्नपत्र हल कर परीक्षा में टॉप न कर जाए। इससे रिजल्ट आने पर शक हो जाने की आशंका थी।