Summer Workshop Online अस्सी घाट से निकल कर ऑस्ट्रेलिया तक पहुंची सुबह-ए-बनारस की किरण
Summer Workshop Online सुबह-ए-बनारस समर वर्कशॉप पूरे जोर-शोर से ऑनलाइन चल रही है। अस्सी घाट से निकल कर अब यह कार्यशाला ऑस्ट्रेलिया तक जा पहुंची है।
वाराणसी, जेएनएन। सुबह-ए-बनारस समर वर्कशॉप पूरे जोर-शोर से ऑनलाइन चल रही है। जहां एक ओर सभी प्रशिक्षक रोज अपनी विधाओं में ट्रेनिंग दे रहे हैं तो दूसरी ओर सीखने वालों का जोश देखने लायक है। अस्सी घाट से निकल कर अब यह कार्यशाला ऑस्ट्रेलिया तक जा पहुंची है। मेंटर्स का कहना है कि यह उनके लिए भी अनोखा अनुभव है। कार्यशाला को मिल रहे पॉजिटिव फीडबैक से आयोजकों में भी उत्साह है। रविवार को वर्कशाप में नृत्य सिखाने वाली डॉ ममता नंदा इन दिनों प्रसिद्ध गीत मोहे रंग दो लाल पर भाव और मुद्राओं का सम्मलित प्रयोग कर रही हैं। वनिता मिढ़ा एक दिन आर्ट और एक दिन क्राफ्ट में सरल विधि और उपलब्ध सामग्री से कुछ नया बनाना सिखा रही है। डॉ मंजरी पांडेय के स्टूडेंटस हर क्लास का अभ्यास घर बैठे लिखकर कर रहे हैं। संस्कृत सीखने के प्रति लोगों में रुचि बढ़ रही है। सरलता के साथ सामान्य संस्कृत सिखाने में डॉ मंजरी पांडेय सफल हो रही हैं।
उमेश भाटिया की कंटेंपररी थिएटर की वर्कशॉप बहुत ही प्रभावी है। हर आयु और वर्ग के प्रतिभगी बड़े ही मनोयोग से एक्टिंग के गुर सीख रहे हैं। हर दिन उमेश भाटिया एक नया विषय लेकर छात्रों को विस्तार से सेल्फ डिमांस्टेशन के साथ समझाते हैं। डॉ शिवानी आचार्य गायन के विभिन्न आयामों को सिखाने का भरपूर प्रयास कर रहीं। उनके द्वारा स्तुति, भजन के साथ ही बनारस की प्रचलित ठुमरी, दादरा, झूला और कजरी सुनने और सीखने वाले काफी पसंद कर रहे हैं।
क्रिएटिव टेक्सटाइल वीविंग और ज्वेलरी मेकिंग की कार्यशाला के साथ आइकीडो के माध्यम से बालिकाओं को सशक्त किया जा रहा है। अंकिता खत्री ने बताया कि 8 जून के बाद 2 दिन प्रतिभागियों को टास्क पूरे करने के लिए दिए जाएंगे। नृत्य, गायन, नाट्य, संस्कृत संभाषण और सेल्फ डिफेंस के प्रतिभागी सीखी गई कला का तीन मिनट का वीडियो पोस्ट करेंगे। आर्ट एंड क्राफ्ट और वीविंग एंड ज्वेलरी मेकिंग के स्टूडेंट्स सिखाई गई चीजों में से किन्ही तीन का फोटो पोस्ट करेंगे। मेंटर्स के प्रमाणित करने के आधार पर डिजिटल सर्टिफिकेट दिया जाएगा। कार्यशाला का समापन समारोह 11 जून को शाम 5 बजे लाइव होगा।