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बलिया में वापस हुए घटिया मास्क, ग्लब्स, सैनिटाइजर व आक्सीमीटर, जांच में दोषी पाए जाने पर स्टोर प्रभारी निलंबित

25 लाख रुपये खर्च किये गये हैं। अब स्टोर प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। उस पर आरोप पत्र जारी कर दिया गया है। इसके अलावा घटिया माल कार्यदायी कंपनी को वापस कर दिया गया है। इसमें कई और बड़े नाम उजागर होने जा रहे हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 02:06 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 02:06 PM (IST)
बलिया में वापस हुए घटिया मास्क, ग्लब्स, सैनिटाइजर व आक्सीमीटर, जांच में दोषी पाए जाने पर स्टोर प्रभारी निलंबित
मास्क, ग्लब्स, सैनिटाइजर व आक्सीमीटर खरीदने की एसडीएम के नेतृत्व में जांच पूरी हो चुकी है।

बलिया, लवकुश सिंह। कोरोना काल में हर कोई अपनी जान बचा रहा था, लेकिन सेहत महकमे में कई ऐसे धुरंधर रहे जो घपलेबाजी करने से बाज नहीं आए। वे सरकार को चूना लगाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़े। हम बात कर रहे हैं जेम पोर्टल से खरीदे गये घटिया कोविड सुरक्षा किट की। गड़बड़ मास्क, ग्लब्स, सैनिटाइजर व आक्सीमीटर खरीदने की एसडीएम के नेतृत्व में जांच पूरी हो चुकी है। साबित हुआ है कि अधिकरियों व कर्मचारियों ने गड़बड़ सामान खरीदे हैं। 25 लाख रुपये खर्च किये गये हैं। अब स्टोर प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। उस पर आरोप पत्र जारी कर दिया गया है। इसके अलावा घटिया माल कार्यदायी कंपनी को वापस कर दिया गया है। इसमें कई और बड़े नाम उजागर होने जा रहे हैं। बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू हो चुकी है।

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सामने आई थीं गड़बड़ियां

17 मई को डिप्टी कलेक्टर सीमा पांडेय के नेतृत्व मेें पहुंची टीम को भंडार गृह एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण में स्टाॅक रजिस्टर पर चार मई तक ही अंकन मिला। इसमें चार तरह के सैनिटाइजर-वेस्ट केयर, माई बाॅडी केयर, यू-मेड कंपनी तथा तीन प्रकार के मास्क, हैंड ग्लब्स एवं तापमापी यंत्र का अंकन पाया गया। मौके पर स्वीस हर्बल हैंड सैनिटाइजर, कोरोफे सेफ प्लस हैंड सैनिटाइजर और इची साइन कंपनी के सौ एमएल के सैनिटाइजर पाए गए। सर्जिकल मास्क की भी गुणवत्ता ठीक नहीं मिली। हैंड ग्लब्स दो तरह के मिले। जेम पोर्टल से क्रय के सापेक्ष इतर सामग्री मौके पर मिली थी।

असल दोषी कौन : विभाग के जानकारों की मानें तो स्टोर कीपर के जिम्मे भंडार गृह के सामानों की देखभाल थी। जेम पोर्टल से मेडिकल की खरीदारी नोडल अधिकारी करते हैं। उनके पास ही जेम पोर्टल का आईडी ओर पासवर्ड होता है। ऐसे में दोषी केवल स्टोर कीपर ही कैसे। संबंधित नोडल अधिकारी की प्रकरण में चर्चा क्यों नहीं हो रही है। जांच में यह बात भी स्पष्ट होनी चाहिए कि घटिया सामानों की खरीदारी किसने की। इसके बाद ही इस रहस्य से पर्दा उठेगा, अन्यथा फिर छोटों को बलि का बकरा बनाया जाएगा।

जेम पोर्टल से घटिया सामानों की खरीदारी में जो लोग भी दोषी होंगे

जेम पोर्टल से घटिया सामानों की खरीदारी में जो लोग भी दोषी होंगे, उन पर विभागीय कार्रवाई होगी। निम्न क्वालिटी के आए सामानों को वापस कर दिया गया है। प्रथम दृष्टया स्टाेर इंचार्ज को हटाकर कर उन्हें निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

-- डा. राजेंद्र प्रसाद, मुख्य चिकित्साधिकारी


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