गुड न्यूज : बनारस की शान पान पर आएगी और लाली, शासन देगा सब्सिडी
बनारस की शान, होंठों की लाली को और लाल करने, बनारस और आसपास जिलों में खत्म हो रही पान की खेती को सरकार बढ़ावा दे रही है।
वाराणसी, जेएनएन। बनारस की शान, होंठों की लाली को और लाल करने, बनारस और आसपास जिलो में खत्म हो रही पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए शासन 50 फीसद सब्सिडी देगा। 15 बिस्वा जमीन होने के मानक को घटाकर छोटे किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए चार बिस्वा कर दिया गया है। चार बिस्वा जमीन पर पान की खेती पर आने वाले खर्च 50453 में से 25227 रुपये शासन देगा। इच्छुक लाभार्थी जिला उद्यान कार्यालय में अपना पंजीयन कराने के साथ योजना का लाभ ले सकते हैं। बनारस के लिए शासन ने सात लाख 56800 रुपये बजट भेजा है।
बनारस के बच्छाव, मीरजापुर और जौनपुर में देशी पान की खेती होती है। पूर्व सरकार की उदासीनता के चलते लोगों ने पान की खेती करना कम कर दिया था। बनारस में सिर्फ बच्छाव में कुछ लोग पान की खेती करते हैं। बनारस की शान पान को फिर से जिंदा करने के लिए शासन ने कई साल बाद फिर 50 फीसद सब्सिडी देने का निर्णय लिया है।
पहले 75 हजार मिलता था सब्सिडी : वर्ष 2013-14 में पान की खेती के लिए किसान के पास कम से कम 15 बिस्वा जमीन होनी चाहिए थी। इसके लिए शासन से 75 हजार रुपये सब्सिडी मिलती थी। वह भी लगातार नहीं आती थी। सब्सिडी नहीं मिलने पर कई किसानों ने पान की खेती करना बंद कर दिया।
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के निदेशक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने पत्र लिखकर कहा है कि बनारस की शान पान की खेती धीरे-धीरे खत्म होने लगी है, यह ठीक नहीं है। पान की खेती करने वाले किसानों को जागरूक करने के साथ उन्हें योजना का लाभ पहुंचाया जाए। यदि किसानों की संख्या बढ़ती है तो बजट और दिया जाएगा।
बनारस के बच्छाव में कई परिवार पान की खेती करते हैं। सब्सिडी मिलने से किसानों की संख्या बढ़ने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। अभी तक सात किसानों ने कार्यालय में पंजीयन कराया है। -संदीप गुप्ता, जिला उद्यान अधिकारी।