Student Union Election : वाराणसी जिला प्रशासन पर टिकी छात्रों की निगाहें, अनुमति के बाद ही जारी होगी अधिसूचना
विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में दाखिला पूरा होते ही छात्रसंघ चुनाव के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में चुनाव अधिकारी की भी नियुक्ति की जा चुकी है। हालांकि जिला प्रशासन हरी झंडी मिलने के बाद ही अधिसूचना जारी की जाएगी।
वाराणसी, जेएनएन। विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में दाखिला पूरा होते ही छात्रसंघ चुनाव के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में चुनाव अधिकारी की भी नियुक्ति की जा चुकी है। हालांकि जिला प्रशासन हरी झंडी मिलने के बाद ही अधिसूचना जारी की जाएगी। ऐसे में अब छात्रों की निगाहें जिला प्रशासन पर टिकी हुई हैं।
काशी विद्यापीठ के चुनाव अधिकारी प्रो. केएस जायसवाल ने बताया कि चुनाव के लिए मकर संक्रांति के बाद जिला प्रशासन को पत्र लिखने का निर्णय लिया गया है। जिला प्रशासन की स्वीकृति मिलते ही अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
उधर, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिश्चंद्र पीजी कालेज में भी चुनाव अधिकारी नियुक्त करने के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है। संस्कृत विवि के छात्रों का कहना है कि नियमावली में प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के 21 दिन के भीतर चुनाव अधिकारी नियुक्त करने का प्रविधान है। ऐसे में दो दिन के भीतर चुनाव अधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई तो छात्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
इसके अलावा हरिश्चंद्र पीजी कालेज ने छात्रसंघ चुनाव के संबंध में काशी विद्यापीठ प्रशासन ने दिशा-निर्देश मांगा है। विद्यापीठ प्रशासन से स्वीकृति मिलने के बाद चुनाव अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। जिला प्रशासन से विचार-विमर्श कर अधिसूचना जारी की जाएगी। कोरोना महामारी के चलते इस वर्ष सत्र विलंबित हो गया है। दूसरी ओर विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग जोर पकड़ती जा रही है। छात्रों ने प्रचार-प्रसार भी अभी से शुरू कर दिया है।
छात्रसंघ चुनाव के मद्देनजर छात्रनेताओं ने प्रचार-प्रसार तेज
काशी विद्यापीठ के छात्र चुनाव अधिकारी नियुक्त करने के लिए आंदोलनरत थे। इस क्रम में 11 जनवरी को छात्रों ने हंगामा भी किया था। कुलपति द्वारा 24 घंटे के भीतर के चुनाव अधिकारी नियुक्त करने के आश्वासन के बाद छात्रों ने आंदोलन समाप्त किया था। वहीं कुलसचिव डा. एसएल मौर्य ने चुनाव अधिकारी नियुक्त करने का आदेश जारी कर दिया। आदेश जारी होते ही परिसर में पूरे दिन तमाम छात्रनेता सक्रिय नजर आए। छात्रसंघ चुनाव के मद्देनजर छात्रनेताओं ने प्रचार-प्रसार तेज कर दिया है। विद्यापीठ में चुनाव अधिकारी नियुक्त होते ही संस्कृत विश्वविद्यालय व अन्य महाविद्यालयों के भी छात्रनेता सक्रिय हो गए हैं। चुनाव अधिकारी नियुक्त करने के लिए संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्रों ने कुलपति कार्यालय को पत्रक सौंपा है। इसमें कहा गया कि छात्रसंघ के नियमावली में प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के 21 दिनों के भीतर चुनाव अधिकारी की नियुक्त करने का प्रावधान है। ऐसे में दो दिनों के भीतर चुनाव अधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई तो छात्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।