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छात्रसंघ चुनाव: काशी विद्यापीठ में विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव, उधर उच्च न्यायालय पर टिकी सबकी निगाहें

विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए छात्रनेता परिसर स्थित पंत प्रशासनिक भवन के सामने धरने पर बैठे हुए हैं। छात्रों का बेमियादी धरना 12वें दिन सोमवार को भी जारी है। दूसरी ओर छात्रनेताओं की आशाभरी निगाहें कोर्ट पर टिकी हुई है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 10:10 AM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 10:10 AM (IST)
छात्रसंघ चुनाव: काशी विद्यापीठ में विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव, उधर उच्च न्यायालय पर टिकी सबकी निगाहें
प्रदर्शन कर रहे छात्रनेताओं की आशा भरी निगाहें कोर्ट पर टिकी हुई है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग को लेकर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्र अड़े हुए हैं। इस क्रम में छात्रसंघ चुनाव स्थगित करने के विरोध में छात्रनेता एक ओर जहां न्यायालय से गुहार लगाई है। वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए छात्रनेता परिसर स्थित पंत प्रशासनिक भवन के सामने धरने पर बैठे हुए हैं। छात्रों का बेमियादी धरना 12वें दिन सोमवार को भी जारी है। दूसरी ओर छात्रनेताओं की आशा भरी निगाहें कोर्ट पर टिकी हुई है।

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उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने वाले छात्रनेता शशि प्रकार चंदन ने बताया कि छात्रसंघ चुनाव को लेकर कोर्ट में 17 जनवरी यानी साेमवार को सुनवाई होनी है। कोर्ट के फैसला आने के बाद अब कोई आगे की रणनीति तय की जाएगी। दूसरी ओर धरने पर बैठे अभिषेक सोनकार का कहना है कि चुनाव की तिथि घोषित होने तक छात्रों का बेमियादी धरना जारी रहेगा। हालांकि, कोर्ट का फैसला आने के बाद धरना स्थगित करने पर विचार किया जा सकता है। फिरहाल कोर्ट के फैसले का सभी छात्रों को बेसब्री से इंतजार है। उधर, चुनाव अधिकारी प्रो. आरपी सिंह ने बताया कि विद्यापीठ चुनाव कराने के पक्ष में था। इस क्रम में जिला प्रशासन की अनुमति से नामांकन भी कराया गया है। इसबीच जनपद में अतिविशिष्ट लोगों के आगमन के कारण जिला प्रशासन के निर्देश पर छात्रसंघ चुनाव स्थगित कर दिया गया था।

चुनाव स्थगित करने के बाद कुछ छात्र कोर्ट में चले गए। ऐसे में अब कोर्ट का जो भी फैसला आएगा। वह पूरी तरह मान्य होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोर्ट में अपना पक्ष प्रस्तुत कर दिया है। उधर, चीफ प्राक्टर प्रो. निरंजन सहाय का कहना है कि छात्र एक ओर कोर्ट गए हुए हैं। दूसरी ओर धरना भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब छात्रनेता कोर्ट चले गए हैं तो उन्हें परिसर में धरना -प्रदर्शन करने का कोई अधिकार नहीं हैं। छात्रों से कई बार धरना समाप्त करने की अपील की गई लेकिन आंदोलनरत छात्र मानने को तैयार नहीं हैं। जबकि कोरोना महामारी का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। भौतिक रूप से कक्षाएं स्थगित है। धरना देने वालों में मुख्य रूप से अभिषेक सोनकर, रविंद्र सिंह पटेल, शशि प्रकाश, दीपक कुमार, कलीमुद्दीन सहित अन्य लोग शामिल थे


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