वाराणसी में क्लोरीन गैस रिसाव की जांच में स्टोर प्रभारी व कर्मी मिले दोषी, नगर आयुक्त ने दिए कार्रवाई के निर्देश
छह जुलाई को जलकल विभाग के कबाड़ में रखे सिलेंडर से क्लोरीन गैस रिसाव की घटना की जांच रिपोर्ट शनिवार को वाराणसी नगर आयुक्त गौरांग राठी के सामने आई।
वाराणसी, जेएनएन। छह जुलाई को जलकल विभाग के कबाड़ में रखे सिलेंडर से क्लोरीन गैस रिसाव की घटना की जांच रिपोर्ट शनिवार को नगर आयुक्त गौरांग राठी के सामने आई। इसमें स्टोर प्रभारी व कर्मी दोषी पाए गए। उन्होंने स्टोर के कबाड़ में सिलेंडर रखे होने की जानकारी विभाग के आला अधिकारियों को नहीं दी थी।
इसे देखते हुए दोनों को दोषी मानते हुए जलकल महाप्रबंधक नीरज गौड़ को नगर आयुक्त ने कार्रवाई का निर्देश दिया। इसके साथ कबाड़ की नीलामी प्रक्रिया को तेज करने का आदेश दिया। नगर आयुक्त ने बताया कि पूरी घटना के पीछे लापरवाही सामने आई है। यदि सिलेंडर कबाड़ में रखे होने की जानकारी अधिकारियों को होती तो उसका रख-रखाव उचित तरीके से होता। बता दें कि क्लोरीन गैस रिसाव से नौ लोग प्रभावित हुए। इसमें दो ही हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल से घर आए कैलाश प्रसन्ना व लक्ष्मण सोनकर ने चिकित्सक को बुलाकर घर पर ही ऑक्सीजन लगावाया है। उनको सांस लेने में दिक्कत हो रही है। जलकल विभाग ने इलाज करने का भरोसा दिया है लेकिन घर आने के बाद कोई झांकने तक नहीं गया है। नगर आयुक्त का कहना है कि अस्पताल में हुए इलाज का खर्च जलकल विभाग उठा रहा है। दवाओं में हुए खर्च का भुगतान भी किया जा रहा है। दोनों को पहले से सांस संबंधित बीमारी है जिससे परेशानी हो रही है।
कबाड़ में रखा था डेढ़ दशक पुराना सिलेंडर
जन स्वास्थ्य को लेकर जलकल विभाग की लापरवाही एक बार फिर सामने आई। क्लोरीन गैस के जिस सिलेंडर से रिसाव हुआ वह डेढ़ दशक पुराना है। निष्प्रयोज्य होने के कारण उसे जलकल दफ्तर के कबाड़ में रख दिया गया था। इसमें सुरक्षा का ख्याल तक नहीं रखा गया। खास यह कि घटना के दौरान जलकल महाप्रबंधक परिसर में पेयजल प्रबंधन से जुड़े कार्यों का जायजा ले रहे थे। जानकारी होते ही मौके पर पहुंचे। अन्य कर्मचारी व तकनीकी विशेषज्ञ भी दौड़़ते-भागते वहां आ गए। आनन-फानन सिलेंडर पानी के टैंक में फेंका गया। अग्निशमन यंत्र से भी बचाव किया गया। इस बीच अग्नि शमन दल आ गया और राहत व बचाव का कार्य शुरू किया गया।