बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले हों बंद, वाराणसी में बोले अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए उन्मादी इस्लामिक आक्रमण की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल द्वारा निंदा की गई है। पराड़कर स्मृति भवन में पत्रकार वार्ता में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी प्रांत कार्यवाह डा. मुरली पाल व सह कार्यवाह डा. राकेश तिवारी ने कही।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए उन्मादी इस्लामिक आक्रमण की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल द्वारा निंदा की गई है। अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हिंसक हमलों पर अपना गहरा दुख व्यक्त करता है और वहां के हिंदू अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रही क्रूर हिंसा और बांग्लादेश के व्यापक इस्लामीकरण के जिहादी संगठनों के षडयंत्र की घोर निंदा करता है। साथ ही अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल मानवाधिकार के तथाकथित प्रहरी संगठनों और संयुक्त राष्ट्र संघ से संबंधित संस्थाओं के गहरे मौन पर चिंता व्यक्त करता है।
यह बातें मैदागिन स्थित पराड़कर स्मृति भवन में पत्रकार वार्ता में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी प्रांत कार्यवाह डा. मुरली पाल व सह कार्यवाह डा. राकेश तिवारी ने कही। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह इस हिंसा की निंदा करने के लिए आगे आए। बांग्लादेश के हिंदू, बौद्ध व अन्य अल्पसंख्यक समाज के बचाव व सुरक्षा के लिए आवाज उठाए। हम यह भी आगाह करना चाहते है कि बांग्लादेश या विश्व के किसी भी अन्य भाग में कट्टरपंथी इस्लामिक शक्ति का उभार विश्व के शांतिप्रिय देशों की लोकतांत्रिक व्यवस्था और मानवाधिकार के लिए गंभीर ख़तरा सिद्ध होगा। अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल भारत सरकार से भी यह अनुरोध करता है कि वे उपलब्ध सभी राजनयिक माध्यमों का उपयोग करते हुए बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले व मानवाधिकार हनन के बारे में विश्व भर के हिंदू समाज व संस्थाओं की चिंताओं से बांग्लादेश सरकार को अवगत कराए ताकि वहां के हिंदू और बौद्ध समाज की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। कहा कि बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदू समाज व मंदिरों पर हिंसक हमले का क्रम बिना रोकटोक चल रहा है।
बीते दुर्गा-पूजा के पवित्र पर्व में वहां हुई साम्प्रदायिक हिंसा में अनेक निरपराध हिंदुओं की हत्या हुई। सैंकड़ों लोग घायल हुए। हजारों परिवार बेघर हो गए। गत दो सप्ताह में ही हिंदू समाज की अनेक माता-बहनें अत्याचार की शिकार हुईं। मंदिरों व दुर्गा-पूजा पंडालों का विध्वंस हुआ। निराधार झूठे समाचार प्रसारित कर साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने वाले कुछ दोषियों की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट हुआ है कि कट्टरपंथी इस्लामिक शक्तियों का वर्तमान हमला एक सुनियोजित षडयंत्र था। हिंदू समाज को लक्षित कर बार-बार हो रही हिंसा का वास्तविक उद्देश्य बांग्लादेश से हिंदू समाज का संपूर्ण निर्मूलन है। फलस्वरूप भारत विभाजन के समय से ही हिंदू समाज की जनसंख्या में निरंतर कमी आ रही है। विभाजन के समय पूर्वी बंगाल में हिंदुओं की जनसंख्या जहां 28 प्रतिशत थी, वह घटकर अब लगभग आठ फीसद हो गई है। जमात-ए-इस्लाम ( बांग्लादेश) जैसे कट्टरपंथी इस्लामी समूहों द्वारा अत्याचारों के कारण विभाजन काल से और विशेषकर 1971 के युद्ध के समय बड़ी संख्या में हिंदू समाज को भारत में पलायन करना पडा। बांग्लादेश निर्माण के उपरान्त आज भी वही तत्व सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ रहे है जिसके कारण अल्पसंख्यक हिंदू समाज में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हुई है। इस मौके पर भाजपा के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र सिंह, विश्व संवाद केंद्र काशी प्रांत सचिव प्रदीप, काशी उत्तर भारत प्रचार प्रमुख अमित गुप्ता मौजूद थे।