एसटीएफ को रेमडेसिविर तस्करी के नेटवर्क की तलाश, वाराणसी के रास्ते कानपुर लाई गई थी खेफ
कानपुर में जीवन रक्षक दवा रेमडेसिविर इंजेक्शन की तस्करी का राजफाश होने के बाद स्पेशल टास्क फोर्स अब उस नेटवर्क की तलाश में है जिसके जरिए यह खेप लाई गई थी। कोलकाता से बनारस और फिर कानपुर पहुंचाने में चेन के रूप में काम किया गया है।
वाराणसी, जेएनएन। कानपुर में जीवन रक्षक दवा रेमडेसिविर इंजेक्शन की तस्करी का राजफाश होने के बाद स्पेशल टास्क फोर्स अब उस नेटवर्क की तलाश में है जिसके जरिए यह खेप लाई गई थी। कोलकाता से बनारस और फिर कानपुर पहुंचाने में चेन के रूप में काम किया गया है। इसकी किल्लत को देखते हुए दवा की बड़ी खेप किसके माध्यम से पहुंची और इस कारगुजारी में शामिल लोगों के आगे के नेटवर्क के बारे में पता लगाया जा रहा है। हालांकि एसटीएफ ने इस मामले में बनारस कनेक्शन के बाबत पुलिस कमिश्नर से कोई वार्ता अब तक नहीं की है।
पुलिस कमिश्नर ए.सतीश गणेश ने बताया कि एसटीएफ या कानपुर कमिश्नरेट ने इस संबंध में उनसे कोई औपचारिक बातचीत नहीं की है, लेकिन पुलिस को इस मामले में अलर्ट कर दिया गया है। वहीं एसटीएफ के स्थानीय इकाई के पुलिस उपाधीक्षक वीके सिंह के मुताबिक उनसे अभी तक किसी ने संपर्क नहीं किया है। हालांकि इस मामले में एसटीएफ की स्थानीय इकाई अपने स्तर से जांच में लगी है। इतनी जानकारी मिली है कि दवा कोलकाता से मंगाई गई थी। आरोपितों के आगे का नेटवर्क व स्थानीय कनेक्शन खंगाला जा रहा है। ऐसे पुराने मामलों के आरोपितों की छानबीन की जा रही है।
रेमडेसिविर इंजेक्शन की 2000 डोज काशी में आपूर्ति हो गई
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण जरूरी दवाओं, इंजेक्शन की खपत व मांग अचानक ही बढ़ गई है। खासकर रेमडेसिविर इंजेक्शन की। सप्लाई चेन सुचारू नहीं होने के कारण इसकी आवक पर असर पड़ा है। हालांकि राहत की बात है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की 2000 डोज काशी में आपूर्ति हो गई। फिलहाल इस इजेक्शन को सिर्फ जिले में निर्धारित कोविड अस्पताल में ही आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए संबंधित अस्पताल डाक्टर की लिखी पर्ची, कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट व आधार कार्ड की जरूरत पड़ती है।
पिछले साल जब कोरोना शुरू हुआ था तो मामूली मामले आने पर ही कंपनिया सतर्क हो गई थी। देश की विभिन्न कंपनियों ने कोरोना के लेवल थ्री के मरीजों के लिए इंजेक्शन का उत्पादन तेज कर दी थी। हालांकि जब कोरोना के मामले कम होने लए और एकदम ना के बराबर हो गए तो कंपनियों ने इसका उत्पादन भी बंद कर दिया। अब अचानक ही अप्रैल माह में इसकी मांग और बढ़ गई है। मांग बढऩे के बाद कंपनियों ने उत्पादन बढ़ाया है, लेकिन अभी सप्लाई चेन बहुत अच्छी नहीं हो पाई है। खैर, अब आपूर्ति भी बढ़ गई है।
इंजेक्शन की आपूर्ति सिर्फ कोविड अस्पतालों में ही की जा रही
लोगों को अब घबराने की जरूरत नहीं है। रेमडेसिविर की 2000 डोज वाराणसी में आ गई हैं। इस बात को ध्यान रखना होगा कि इस इंजेक्शन की आपूर्ति सिर्फ कोविड अस्पतालों में ही की जा रही है। संबंधित अस्पताल अपने यहां भर्ती मरीजों के लिए मांग सुबह में ही भेजें।
- केजी गुप्ता, सहायक औषधि आयुक्त, ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी