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एसआइटी नाकाम हुई तो मीरजापुर तिहरे हत्याकांड का पर्दाफाश करने पहुंची एसटीएफ, परिजनों से ली जानकारी

विंध्याचल के लेहडिय़ा में हुए तिहरे हत्याकांड के आरोपितों तक पहुंचने में एसआइटी नाकाम रही तो एसटीएफ वाराणसी को हत्याकांड का पर्दाफाश करने के लिए जनपद में भेजा गया। देर शाम गांव में पहुंची टीम ने जांच शुरू कर दी और मृत बालकों के घर पहुंचकर परिजनों से जानकारी ली।

By saurabh chakravartiEdited By: Published: Tue, 08 Dec 2020 08:30 AM (IST)Updated: Tue, 08 Dec 2020 11:54 AM (IST)
एसआइटी नाकाम हुई तो मीरजापुर तिहरे हत्याकांड का पर्दाफाश करने पहुंची एसटीएफ, परिजनों से ली जानकारी
मीरजापुर के लालगंज के कुशियरा जंगल में छानबीन करती एसटीएफ की टीम।

मीरजापुर, जेएनएन। विंध्याचल के लेहडिय़ा में हुए तिहरे हत्याकांड के आरोपितों तक पहुंचने में एसआइटी नाकाम रही तो स्पेशल ट्रास्क फोर्स (एसटीएफ) वाराणसी को हत्याकांड का पर्दाफाश करने के लिए जनपद में भेजा गया। देर शाम गांव में पहुंची टीम ने जांच शुरू कर दी और मृत बालकों के घर पहुंचकर परिजनों से पूरी जानकारी ली। इसके बाद अधिकारियों से भी बातचीत की। एसटीएफ के आने के बाद परिजनों को घटना का पर्दाफाश होने की कुछ आस जगी है।

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एडीजी ब्रजभूषण शर्मा ने विंध्याचल के लेहडिय़ा बंधी में बामी गांव के तीन बालकों की हत्या का पर्दाफाश करने के लिए एएसपी आपरेशन के नेतृत्व में दो दिसंबर को एसआइटी का गठन किया था। टीम में अधिकारी से लेकर बड़ी संख्या में सीओ व इंस्पेक्टर शामिल हैं। खुद को तेज-तर्रार बताने वाले ये अधिकारी दावा भी करते थे कि तत्काल घटना का पर्दाफाश कर देंगे, लेकिन छह दिन के अंदर 30 लोगों को उठाकर पूछताछ करने के बाद भी हत्यारोपितों का सुराग हाथ नहीं लगा। एक दिन पहले ही एडीजी द्वारा नए बिंदुओं पर जांच करने के निर्देश दिए जाने का कोई फायदा नहीं मिला। यह देख उन्होंने एसटीएफ वाराणसी की छह सदस्यीय टीम को हत्याकांड का पर्दाफाश करने के लिए जिले में भेजा है। टीम ने गांव में पहुंचते ही जांच शुरू कर दी। सायंकाल परिजनों से मिलने उनके घर पहुंचे एसटीएफ ने  जंगल से लापता हुए तीनों बच्चों की निर्मम हत्या मामले में विस्तृत जानकारी ली। परिजनों ने बताया कि एक दिसंबर को बेर खाने गए जंगल से गायब हुए तीन नाबालिग सुधांशु, शिवम और हरिओम की दो दिसंबर को घर से तीन किलोमीटर की दूरी पर पहाड़ी के नीचे लेहडिय़ा बंधी में शव मिला। बताया कि जिस बंधी में शव मिला है, वहां पर काफी कम पानी होने के कारण डूबने की आशंका नहीं है। एसटीएफ ने पहले घटनास्थल देखा और परिजनों से मिलने के बाद अपने मिशन को आगे बढाते हुए और लोगो से पूछताछ की।

जंगल में मिला खून का निशान

बामी गांव में जिस स्थान पर बच्चे पहले बेर खाने गए थे उस जंगल में पुलिस को खून के कई धब्बे मिले हैं, जिसका सैंपल लेकर फोरेंसिक जांच के लिए लैब भेजा गया है। पुलिस यह पता करने का प्रयास कर रही है कि जंगल में मिले खून जंगली जानवरों के हैं या फिर उन बच्चों के। लैब से रिपोर्ट मिलने के बाद ही स्थिति साफ होगी कि खून किसका है।  पुलिस ने जंगल की छानबीन कर हत्यारोपितों के निशान ढूंढने का प्रयास किया। जागरण की खबर को संज्ञान में लेते हुए जंगल में जाकर खोजबीन की। एक जगह पर खून का धब्बा जमीन पर मिला है। उस रास्ते को आगे जाने से रोकने के लिए कटीली झाडिय़ों से बंद करने का प्रयास किया गया था। पुलिस ने उस स्थान पर पुलिस कर्मियों को तैनात कर दिया है। कहा कि कल उन झाडिय़ों को हटाकर आगे और देखा जाएगा। इसके आसपास भी छानबीन की जाएगी।

सवर्ण आर्मी महासभा ने लगाया जाम, पुलिस ने हटाया

जासं, लालगंज (मीरजापुर) : संवर्ण आर्मी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वेश पांडेय ने सोमवार को बामी गांव में पहुंच कर पीडि़त परिजनों से मिले और उनसे घटना के बारे में जानकारी ली। अपराधियों का पता न चलने पर विरोध स्वरूप ग्रामीणों को साथ में लेकर उन्होंने लहंगपुर में राष्ट्रीय मार्ग पर जाम कर दिया। 20 मिनट जाम लगने के बाद स्थानीय पुलिस के हस्तक्षेप पर जाम समाप्त कर दिया।


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