टीवी, फिल्म व पब्लिकेशन हिंदी के प्रचार को बढ़ाएं कदम, जब तक पढ़ेंगे नहीं तो सोचेंगे कैसे, बोले फिल्म गीतकार समीर
फिल्म गीतकार समीर अनजान का कहना है कि हिंदी पुस्तकों के अध्ययन के प्रति आम लोगों में रुचि कम हुई है। जरूरत है हिंदी में स्तरीय लेखन की।
वाराणसी, जेएनएन। फिल्म गीतकार समीर अनजान का कहना है कि हिंदी पुस्तकों के अध्ययन के प्रति आम लोगों में रुचि कम हुई है। जरूरत है हिंदी में स्तरीय लेखन की। मौजूदा हालात ऐसे हैं कि लोग पढऩे से अधिक हिंदी में फिल्म, नाटक आदि देखना पसंद कर रहे हैं। वह मंगलवार को छावनी स्थित एक होटल में पत्रकारों से मुखातिब थे।
समीर ने कहा कि जरूरत है कि लोग अधिक से अधिक हिंदी पुस्तकों का अध्ययन करें। कहा कि जब तक पढ़ेंगे नहीं तो सोचेंगे कैसे और सोच नहीं होगी तो देखेंगे क्या। उन्होंने कहा फिल्म, टीवी, पब्लिकेशन में जितनी हिंदी की चीजें होंगी उतना ही इसका प्रचार होगा। आजकल गीत-संगीत के आने वाले रियलिटी शो के जरिए हिंदी गीतों व भाषा का बढिय़ा प्रचार हो रहा है। पुराने गाने नई पीढ़ी गा रही है। गीतकार समीर का मानना है कि हिंदी को संभालने के लिए जमीनी स्तर पर काम करना होगा। उन्होंने बताया कि दबंग 3, सब कुशल मंगल व हंगामा 2 फिल्म के गीत मेरे द्वारा रचे गए हैं।
आज नौ पुस्तकों का होगा विमोचन
गीतकार समीर अनजान प्रभा श्री पब्लिकेशंस की नौ पुस्तकों का विमोचन बुधवार को छावनी क्षेत्र स्थित एक होटल में करेंगे। यह जानकारी प्रभा श्री पब्लिकेशंस की निदेशक प्रियंका अग्निहोत्री ने पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि वाराणसी सहित विभिन्न शहरों के लेखकों की ये पुस्तकें हैं। इन पुस्तकों को डा. दीपाली गुप्ता, पुष्पा अवस्थी, प्रियंका अग्निहोत्री, नीरजा नीर, प्रमोद कुमार स्वामी, ओमप्रकाश बिंजवे, ओम अग्रवाल बबुआ ने इन्हें लिखा है।