वाराणसी शहरी सीमा में शामिल गांवों की स्थिति नारकीय, बीएचयू के चारों ओर कूडे़ का अंबार
आज तक नगर निगम को सीमा में शामिल इन गांवों को कोई भी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। यहां तक की गांव की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं से भी लोग वंचित हो गए और शहर और गांव के बीच में अटके हुए हैं।
वाराणसी, जेएनएन। शहर में नगर निगम सीमा का विस्तार फाइलों पर काफी तेजी से किया जा रहा है लेकिन सुविधाएं अभी भी नदारद हैं। शहर से सटे 78 गांव को नगर निगम की सीमा में शामिल किया गया जिसमे डाफी, भगवानपुर, छित्तूपुर, सीरगोवर्धनपुर, करौंदी, सुसुवाही, नुवांव, चितईपुर, अवलेशपुर भी शामिल हैं। आज तक नगर निगम को सीमा में शामिल इन गांवों को कोई भी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। यहां तक की गांव की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं से भी लोग वंचित हो गए और शहर और गांव के बीच में अटके हुए हैं।
यहां के लोग समस्या या विकास की बात लेकर नगर निगम में शिकायत करते हैं तो वहां से जवाब मिलता है कि अभी नगर निगम में फाइल नहीं आई हुई है और जब ब्लॉक स्तर पर शिकायत करते हैं तब वहां यह सुना जाता है कि अब गांव के पास फंड नहीं है और यह शहर में शामिल हो गया है। शहर और गांव के बीच अटके इन गांवों में खुलेआम सड़क पर कूड़ा कचरा फेंका जाता है जिसकी शिकायत के बाद भी सफाई नही होती है। इन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले ग्राम प्रधान और प्रतिनिधि डॉ. देवाशीष पटेल, गुड्डू पटेल, अजय पांडेय, सलगू पटेल, गोपाल यादव सोशल मीडिया से लेकर विभागों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला भी नही है।
बीएचयू कैम्पस से चारों तरफ फैले कचरे स्वच्छता अभियान की उड़ा रहे धज्जियां
बनारस में स्वच्छता अभियान के नाम पर नगर निगम से लेकर बड़े बड़े ब्रांड एंबेसडर अक्सर अभियान चला रहे हैं लेकिन सच्चाई कुछ और ही है।महामना की बगिया के चारो तरफ कूड़े कचरे का अंबार लगा हुआ है ।सबसे बड़े महामना कैंसर संस्थान करौंदी के मार्ग पर नरियां से लेकर सुसुवाही तक स्थिति काफी नारकीय बना हुआ है।आईटीआई करौंदी, पार्श्वनाथ विद्यापीठ, महमानपुरी, हैदराबाद गेट सहित कई स्थानों पर तो कूड़े का अंबार लगा हुआ है जिससे गुजरते समय लोगों का दम घुटने लगता है। भगवानपुर मोड़, ट्रामा सेंटर की बाउंड्री और छित्तूपुर में तक स्थिति काफी बदतर हो गई है। इसके लिए कई बार जनप्रतिनिधियों ने चक्काजाम और प्रदर्शन भी किया लेकिन नतीजा शून्य रहा।