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Srikashi Vishwanath डेढ़सी पुल प्रवेश द्वार का पश्चिमी गुंबद गिरा, सावन की तैयारियों के बीच घटना से सकते में प्रशासन

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर जाने के रास्ते में डेढ़सी पुल पर बनाए गए प्रवेश द्वार के पश्चिमी उप शिखर का गुंबद रविवार को सुबह गिर पड़ा। हालांकि इससे जानमाल की कोई क्षति नहीं हुई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 08:18 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 12:14 AM (IST)
Srikashi Vishwanath डेढ़सी पुल प्रवेश द्वार का पश्चिमी गुंबद गिरा, सावन की तैयारियों के बीच घटना से सकते में प्रशासन
Srikashi Vishwanath डेढ़सी पुल प्रवेश द्वार का पश्चिमी गुंबद गिरा, सावन की तैयारियों के बीच घटना से सकते में प्रशासन

वाराणसी, जेएनएन। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर जाने के रास्ते में डेढ़सी पुल पर बनाए गए प्रवेश द्वार के पश्चिमी उप शिखर का गुंबद रविवार को सुबह गिर पड़ा। पत्थरों के टुकड़े मोर्चे में गिरे। संयोग ही रहा कि पाली बदलने के समय घटना हुई और संतरी तत्काल बाहर ही निकला था। इससे जानमाल की कोई क्षति नहीं हुई। सावन की तैयारियों के बीच गंगा तट से मंदिर जाने वाले प्रवेश द्वार पर हुई घटना से पुलिस-प्रशासन और मंदिर से जुड़े अफसर सकते में आ गए। माना जा रहा है कि बंदरों की उछल-कूद से गुंबद कमजोर हो गए हैैं।

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2015 में चुनार के पत्थरों से द्वार का कराया गया था निर्माण

विश्वनाथ गली होते मंदिर जाने के मुख्य द्वार को आद्य शंकराचार्य को समर्पित करते हुए 2015 में चुनार के पत्थरों से द्वार का निर्माण कराया गया था। सुंदरीकरण के नाम पर द्वार और चौराहे पर नंदी स्तंभ समेत अन्य कार्यों में पर्यटन विभाग ने 40 लाख रुपये खर्च किए थे। कार्यदायी एजेंसी निर्माण निगम ने इसमें मुख्य शिखर, दो उपशिखर व निचले हिस्से में सुरक्षा की दृष्टि से दो मोर्चे बनाए थे। इसे नागर शैली में आकार दिया गया। साथ ही शिखर पर पत्थर के गुंबदनुमा दो गोलाकार हिस्से बनाए गए।

वर्ष 2017 में दिसंबर में पूर्वी उपशिखर का गुंबद गिर पड़ा था

वर्ष 2017 में उद्घाटन के चार माह बाद दिसंबर में पूर्वी उपशिखर का गुंबद गिर पड़ा था। उसमें मिठाई की दुकान का कर्मचारी और दो दर्शनार्थी इसकी चपेट में आए तो एक सुरक्षाकर्मी बाल-बाल बचा था। उस दौरान ही स्थानीयजनों ने पूरे निर्माण कार्य की जांच की मांग भी कर डाली। हालांकि पर्यटन विभाग के अफसरों ने जांच कराते हुए दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिया लेकिन बाद में भूल गए। संयुक्त निदेशक पर्यटन अविनाश चंद्र मिश्रा का इस संबंध में कहना रहा कि कार्यदायी एजेंसी से निर्माण की गुणवत्ता के संबंध रिपोर्ट तलब की जाएगी। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।


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