Move to Jagran APP

श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे इन वजहों से पहुंचे सारनाथ और लिखा यह अनोखा संदेश

श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे रविवार को अपने एक दिवसीय वाराणसी दौरे पर पहुंचे तो दोपहर बाद सारनाथ भ्रमण पर गए।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 05:00 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 08:36 AM (IST)
श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे इन वजहों से पहुंचे सारनाथ और लिखा यह अनोखा संदेश
श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे इन वजहों से पहुंचे सारनाथ और लिखा यह अनोखा संदेश

वाराणसी, जेएनएन। श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे रविवार को अपने एक दिवसीय वाराणसी दौरे पर पहुंचे तो दोपहर बाद सारनाथ भ्रमण पर गए। भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्‍थली सारनाथ में भ्रमण के दौरान उन्‍होंने प्राचीन सारनाथ के वैभव को निहारा और संग्रहालय की डायरी में इसे बौद्ध अनुयायियों के लिए महत्‍वपूर्ण स्‍थल बताया। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों के साथ श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने खंडहर परिसर के अलावा मंदिरों में दर्शन पूजन कर भगवान बुद्ध को नमन भी किया। वहीं श्रीलंका के पीएम जब सारनाथ से रवाना हुए तो यहां की स्‍मतियों को भी वह लेकर लौटे।

loksabha election banner

संग्रहालय से निकलने के दौरान उन्‍होंने डायरी में कमेंट लिखा कि-  ''मुझे संग्रहालय में जाने का अवसर मिला, वाराणसी की यात्रा से मुझे बेहद खुशी है क्योंकि यह बौद्ध अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल का प्रतिनिधित्व करता है। इस यात्रा पर मुझे आपके द्वारा दिए गए आतिथ्य के लिए धन्यवाद। - महिंदा राजपक्षे''

यह भी पढें : श्रीलंका में राष्‍ट्रपति चुनाव में प्रत्‍याशी की जीत के लिए 440 श्रीलंकाई समर्थकों ने सारनाथ में किया अनुष्‍ठान

सारनाथ भ्रमण का कहीं यह मकसद तो नहीं...

दरअसल श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे चुनाव में जीत हासिल करने के बाद पहली बार भारत आए तो सारनाथ में भी उन्‍हाेंने भगवान बुद्ध को नमन करना नहीं भूले। बीते वर्ष सारनाथ में महिंदा राजपक्षे के 440 समर्थकों ने वाराणसी के सारनाथ में उनकी जीत के लिए विशिष्‍ट पूजन और अनुष्‍ठान किया था। अब चुनाव में पर्याप्‍त जनाधार के साथ महिंदा राजपक्षे और उनका परिवार श्रीलंका में बड़ा राजनीतिक दखल वाला परिवार बन गया है। ऐसे में चुनाव में जीत हासिल करने में उनके समर्थकों की सारनाथ में की गई पूजा के बाद माना जा र‍हा है कि वह भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्‍थली से आशीर्वाद पाने के बाद धन्‍यवाद देने के लिए ही सारनाथ आए हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.