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श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे पहुंचे अस्‍सी घाट, नैत्यिक गंगा आरती में हुए शामिल

श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे अपने वाराणसी प्रवास के दूसरे दिन सुबह अस्‍सी घाट पर गंगा आरती के लिए पहुंचे तो परंपरागत तरीके से आरती में शामिल हुए।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 09:26 AM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 10:35 PM (IST)
श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे पहुंचे अस्‍सी घाट, नैत्यिक गंगा आरती में हुए शामिल
श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे पहुंचे अस्‍सी घाट, नैत्यिक गंगा आरती में हुए शामिल

वाराणसी, जेएनएन। श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे अपने वाराणसी प्रवास के दूसरे दिन सोमवार की सुबह अस्‍सी घाट पर गंगा आरती के लिए पहुंचे तो परंपरागत तरीके से विधि विधान पूर्वक आरती के आयोजन का हिस्‍सा बने। श्रीलंका के प्रधानमंत्री के अस्‍सी घाट पर पहुंचते ही मंत्री नीलकंठ तिवारी ने घाट पर माल्यार्पण कर स्वागत किया। इसके बाद बटुकों द्वारा परंपरागत तरीके से प्रात: कालीन गंगा आरती की गई। 

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गंगा आरती में हिस्‍सा लेने के बाद सुबह दस बजे महिंदा राजपक्षे लाल बहादुर शास्‍त्री अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट बाबतपुर पहुंचे जहां वह विशेष विमान से वापस नई दिल्‍ली रवाना हो गए। वहीं वाराणसी छोड़ने से पूर्व उन्‍होंने वाराणसी में गंगा आरती के दौरान गंगा को निहारते हुए तस्‍वीर सोशल मीडिया में भी शेयर किया। उन्‍होंने पोस्‍ट में लिखा कि - 'वाराणसी छोड़ने से पहले, मुझे पवित्र गंगा नदी के दर्शन करने का सम्मान मिला। मैं पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ करता हूं। नदी के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण ही नहीं, बल्कि भारत के NamamiGange प्रयास भी अच्‍छा है, क्योंकि इस क्षेत्र में भारत की आबादी का लगभग 40 फीसद हिस्‍सा निवास करता है।' वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उनकी पोस्‍ट शेयर करते हुए लिखा कि - 'गंगा हमारी सभ्यता के केंद्र में है। यह हमारी सांस्कृतिक और आर्थिक जीवन रेखा भी है। मुझे खुशी है कि आपने वाराणसी में समय बिताया और गंगा के किनारे भी गए, अापका अनुभव अद्भुत रहा होगा'।

घाट पर रही कड़ी सुरक्षा

इससे पूर्व सुबह से ही घाट पर सुरक्षा एजेंसियों ने डेरा डाल दिया और घाट पर साफ सफाई के साथ ही गंगा में एनडीआरएफ और जल पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया। इस दौरान आम लोगों के लिए घाट पर प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया। पीएम के आगमन के साथ ही सुरक्षा बलों ने घाट पर सुरक्षा कड़ी कर दी और वीआइपी व वीवीआइपी लोगों को ही गंगा आरती के दौरान घाट पर ठहरने की अनुमति दी गई।

परंपरागत तरीके से की आरती

अस्सी घाट आगमन होते ही 'केशरिया बालम पधारो म्हारे देश' के साथ ही शास्त्रीय गायन से परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया। इसके बाद पारंपरिक तरीके से नैत्यिक गंगा आरती का क्रम शुरू हुआ तो श्रीलंका के पीएम ने मंत्रमुग्‍ध होकर मां गंगा की लहरों को नमन किया। पारंपरिक तरीकों से वेद मंत्रों के बीच मां गंगा का जलाभिषेक कर श्रीलंका के सुख समृद्धि की उन्‍होंने कामना भी की। इससे पूर्व जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अाबे भी दशाश्‍वमेध घाट पर विश्‍व प्रसिद्ध सांध्‍यकालीन गंगा आरती कर चुके हैं। 

घाट पर मंत्री ने किया स्‍वागत

अस्‍सी घाट पर गंगा आरती के दौरान मंत्री नीलकंठ तिवारी ने उनका स्‍वागत किया और धार्मिक प्रतीक भेंट करने के साथ ही गंगा आरती और काशी के घाटों के महत्‍व के बारे में भी जानकारी दी। इस दौरान श्रीलंका से आए अन्‍य प्रतिनिधि भी आरती में शामिल हुए और गंगा किनारे विश्‍व की सबसे पुरानी संस्‍कृति की परंपराओं का अनुभव कर भाव विभाेर नजर आए। इससे पूर्व रविवार को श्रीलंका के पीएम महिंदा राजपक्षे ने बाबा दरबार में दर्शन पूजन किया था।

मोदी से बात के बाद बनाया अस्सी का प्लान

आयोजकों का कहना था कि राजपक्षे की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात भी हुई थी, जिसके बाद उन्होंने अस्सी घाट भ्रमण एवं गंगा के दर्शन का प्लान बनाया था। उन्होंने मां गंगा के साथ ही यहां की व्यवस्था को भी सराहा।मंच के पास बने पत्थर के बेंच पर जब राजपक्षे बैठे तो कैमरामैन को बड़े ही विनम्र भाव से संकेत दिया। उन्होंने इशारों में ही कहा कि फोटो ऐसा हो जिससे महसूस हो कि मैं मां गंगा के आगोश में दिखूं। फिर छायाकारों ने अपने-अपने एंगल से इस कार्य को किया। साथ ही उनके साथ आए सुरक्षाकर्मी और अन्य संबंधियों ने भी अस्सी घाट, आरती और गंगा के साथ सेल्फी ली।


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