बनारस में होगी ओलंपियन शाहिद की स्मृति में अखिल भारतीय प्राइज मनी हॉकी प्रतियोगिता
उत्तर प्रदेश सरकार का खेल निदेशालय इस वित्तीय वर्ष से हर वर्ष बनारस में शाहिद के स्मृति में आयोजन करेगा।
कृष्ण बहादुर रावत, वाराणसी : उत्तर प्रदेश सरकार का खेल निदेशालय इस वित्तीय वर्ष से हर वर्ष बनारस में पद्मश्री मोहम्मद शाहिद स्मृति अखिल भारतीय प्राइज मनी प्रतियोगिता आयोजित करेगा। विजेता को दो लाख और उपविजेता टीम का एक लाख रुपये नकद पुरस्कार स्वरूप दिया जाएगा। तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम को 50 हजार रुपये मिलेंगे।
प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के रूप में शुक्रवार को प्रदेश के खेल निदेशक डा. आरपी सिंह ने ओलंपियन मोहम्मद शाहिद के खजुरी स्थित आवास पर उनकी पत्नी परवीन से मुलाकात की। उसके बाद उन्होंने बताया कि हॉकी इंडिया से तारीख मिलते ही प्रतियोगिता शुरू होने की घोषणा कर दी जाएगी। उन्होंने कहा मोहम्मद शाहिद बनारस के ही नहीं पूरे देश में हॉकी की शान रहे हैं, उनकी याद में सरकार ने पहले से ही प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हॉकी स्टेडियम का नाम रखा हुआ है जो आधुनिकतम सुविधाओं से लैस है। बनारस में भी खेल निदेशालय उनके नाम के अनुरूप ही अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता कराएगी। सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ी को मिलेगा मोहम्मद शाहिद की स्मृति में पुरस्कार इस पर सैद्धांतिक सहमति हो गयी है। बनारस में खेल के विकास के लिए छह करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। रेल मंत्री ने आज बुलाया
भारत सरकार के रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने ओलंपियन मोहम्मद शाहिद की पत्नी को शनिवार को डीरेका में बुलाया है। परवीन शाहिद ने बताया कि उनकी खेल राज्य मंत्री से गुरुवार को बात हुई थी और उन्होंने उनसे केवल यहीं कहा कि डीरेका स्टेडियम का नाम उनके पति के नाम पर हो जाए। साथ ही मेरा बेटा राष्ट्रीय स्तर का निशानेबाज है उसकी कैटेगरी बदल दी जाए जिससे वह और अच्छा प्रदर्शन कर सके। 20 जुलाई को ही हुआ था निधन
ओलंपियन शाहिद का निधन 20 जुलाई 2016 को मेदांता हास्पिटल हरियाणा में हुआ था। सरकार ने 20 जुलाई को बनारस के हॉकी को इतना बड़ा तोहफा दिया है। इससे यहां की हॉकी को बहुत लाभ होगा। -फैयाज अहमद, मो. शाहिद के बचपन के दोस्त सरकार को धन्यवाद
अब पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार सहित 23 पदक प्रधानमंत्री को नहीं वापस करेंगी। मैं सरकार और जिला प्रशासन को धन्यवाद कहती हुं कि इन्होंने ओलंपियन मोहम्मद शाहिद की स्मृति हमेशा जिंदा रहने के लिए फैसले लिए। -परवीन शाहिद, मो. शाहिद की पत्नी