वाराणसी में देव दीपावली पर गंगा दर्शन के साथ पर्यटकों के लिए सजा खास बाजार
आध्यात्मिक और प्राचीन संस्कृतियों को संजोए काशी जिज्ञासुओं के लिए सदैव प्रिय रही है। यही संयोग हर साल लोगों को यहां खींच लाती है। देव दीपावली के अवसर पर लाखों दीपों के ज्योतिपुंज में दिव्यता समेटे पतित पावनी धनुषाकार गंगा का दीदार करने लगभग 10 लाख सैलानी पहुंच रहे हैं।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। काशी का महात्म्य किसी से छिपा नहीं है। आध्यात्मिक और प्राचीन संस्कृतियों को संजोए काशी जिज्ञासुओं के लिए सदैव प्रिय रही है। यही संयोग हर साल लोगों को यहां खींच लाती है। इस बार भी देव दीपावली के अवसर पर लाखों दीपों के ज्योतिपुंज में दिव्यता समेटे पतित पावनी धनुषाकार गंगा का दीदार करने लगभग 10 लाख सैलानी पहुंच रहे हैं। इनके आगमन के साथ अब शिव की काशी में सभी सेक्टरों में उत्साह है। खासकर होटल, नाव संचालन, बनारसी साड़ी-कपड़े समेत पीतल से निर्मित पूजन सामग्री आदि शामिल हैं। एक अनुमान के मुताबिक दो दिनों में ही कुल कारोबार तीन सौ करोड़ के पार होने वाला है।
मेहमानों के लिए तैयार स्थानीय लुभावने उत्पाद
हर बार से अलग इस बार देव दीपावली के मौके पर काशी का बाजार मेहमानों के लिए तैयार है। सड़कों और गलियों तक में स्थानीय आकर्षक उत्पादों की भरमार है। बाजार का रुख प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वोकल फार लोकल से प्रेरित है। हाल के विशेष मौके पर लोगों ने स्वदेशी सामानों की जमकर खरीदारी भी की है। ऐसे में बनारस की साड़ी और कपड़े, लकड़ी के खिलौने, पीतल निर्मित विशेष पूजन सामग्री समेत काशी के जीआइ उत्पादों के करोड़ों में खरीदारी होने का अनुमान है। बनारसी वस्त्र उद्योग एसोसिएशन के महामंत्री राजन बहल बताते हैं कि दो दिनों में ही बनारसी वस्त्रों की 50 करोड़ से अधिक की खरीदारी होने का अनुमान है।
बनारस के चम्बू की सबसे अधिक मांग
संसार भर में बनारस का नाम तो विख्यात है ही यहां का देव दीपावली के मौके पर सैलानियों द्वारा सबसे अधिक चम्बू को पसंद किया जाता है। तांबा निर्मित यह पात्र वैसे तो कहीं भी प्राप्त हो जाएगा, लेकिन बनारस के महात्म्य चलते काशी में आकर सैलानी इसकी खरीद में पीछे नहीं रहते। कारोबारी सुरेश तुलस्यान बताते हैं कि कोरोना महामारी में सभी आयोजन ठप रहे लेकिन अब देव दीपावली में लोगों को काशी आने का मौका मिला है। ऐसे में इस बार बाजार में अच्छी खरीदारी होगी। व्यापार जगत जुड़े अन्य लोगों की मानें तो सभी सेक्टरों के साथ प्रधानमंत्री की वोकल फार लोकल की अपील के चलते स्थानीय उत्पादों की बिक्री में जबरदस्त उछाल आएगा। इसका आंकड़ा तीन सौ करोड़ रुपये के पार जाने का अनुमान है।
15 लाख दीये से रोशन होंगे घाट
देव दीपावली में मिट्टी के दीये से सिर्फ घाट ही जगमग नहीं होेंगे बल्कि दीये बनाने वाले कुम्हारों के घर भी रोशन होंगे। केंद्रीय देव दीपावली महासमिति के अध्यक्ष आचार्य वागीश दत्त मिश्र बताते हैं कि इस बार घाटों को 15 लाख दीये से रोशन किया जाएगा। इसकी तैयारियां की जा रही हैं। ये दीये पर्यटन विभाग के साथ कई निजी संगठनों और समितियों द्वारा खरीदे जाते हैं। इस बार 10 लाख के करीब सैलानी आएंगे जो गंगा दर्शन करेंगे।
देव दीपावली में कुल कारोबार - (करोड़ में)
होटल कारोबार - 150
नाव- बजड़े - 20
दीया की बिक्री - 05
लकड़ी का खिलौना - 30
बनारसी साड़ी - 60
पूजा सामग्री - 02
शंख - 0.5
मूर्तियां - 0.5
अन्नपूर्णा - 0.4
चम्बू - 01
माला - 0.2
एक नजर में आंकड़े
कुल पर्यटकों की संख्या - 10 लाख
आएंगे चार पहिया वाहन - एक लाख
वाहन स्टैंड - 25
गंगा पार स्टैंड - 15