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सोशल मीडिया पर फर्जी पोस्ट डालने पर मीरजापुर में सपा नेता को आधी रात पुलिस ने उठाया

कानपुर मुठभेड़ मामले में सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट डालना मीरजापुर के सपा नेता को भारी पड़ गया और पुलिस ने शुक्रवार की आधी रात को घर से उन्‍हें उठा लिया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 02:21 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 02:21 PM (IST)
सोशल मीडिया पर फर्जी पोस्ट डालने पर मीरजापुर में सपा नेता को आधी रात पुलिस ने उठाया
सोशल मीडिया पर फर्जी पोस्ट डालने पर मीरजापुर में सपा नेता को आधी रात पुलिस ने उठाया

मीरजापुर, जेएनएन। कानपुर मुठभेड़ मामले में सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट डालने वाले मीरजापुर में सपा नेता को पुलिस ने शुक्रवार की आधी रात को घर से उठा लिया। शनिवार सुबह शांतिभंग में चालान करने के बाद उन्हें छोड़ा गया। घटना से तिलमिलाए सपाईयों ने जमकर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। समाजवादी पार्टी के जिला महासचिव अभय यादव ने शुक्रवार को एक पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर की, जिसमें मुख्यमंत्री के साथ खड़े बुंदेलखंड के नेता विकास को कानपुर मुठभेड़ के मुख्य आरोपित विकास दूबे बताकर टिप्पणी की गई थी। देर रात लखनऊ से आए फोन के बाद सक्रिय पुलिस ने अभय यादव को उनके घर खुटहा, देहात कोतवाली से आधी रात को हिरासत में ले लिया। वहीं अभय यादव का कहना था कि वह फोटो पहले से शोसल मीडिया पर वायरल थी और उन्होंने उसे शेयर किया था। हालांकि शनिवार सुबह उन्हें शांति भंग में चालान के बाद छोड़ा गया।

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बुंदेलखंड के नेता विकास को बताया था कानपुर मुठभेड़ का मुख्य आरोपित

बीते 3 जून यानी शुक्रवार को कानपुर में विकास दुबे के ठिकाने पर पहुंची पुलिस पर बदमाशों ने फायरिंग कर दिया था। इस फायरिंग में सीओ समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस घटना को यूपी पुलिस के इतिहास में काला दिवस के रूप में देखा जा रहा है। घटना के बाद यह खबर सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गई। इसी क्रम में मीरजापुर में समाजवादी पार्टी के जिला महासचिव अभय यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्‍ट शेयर की जिसमें उन्‍होंने कानपुर मुठभेड़ के मुख्य आरोपित विकास दूबे की जगह बुंदेलखंड के नेता विकास को इंगित किया। इसके बाद सत्‍ता की गलियारों में जोर-शोर से चर्चाएं होने लगी। जब तक उन्‍हें अपनी गलती का अहसास होता,आधी रात को पुलिस घर पर धमक पड़ी और थाने ले गई। इसके बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को इसकी भनक लगते ही तिलमिला गए और पुलिस प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। हालांकि शनिवार को सपा नेता को शांति भंग में चालान करने के बाद घर जाने दिया गया। 


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