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अक्टूबर से पूर्वांचल की मंडियों में पहुंचने लगेगा सोनभद्र का बालू , बरसात के कारण तीन माह से खनन बंद

तीन माह की बंदी के बाद से एक अक्टूबर से सोनभद्र की दोनों बालू खदानें संचालित होने लगेंगी। एनजीटी के आदेश के क्रम में हर वर्ष जुलाई से सितंबर तक नदियों में बालू का खनन प्रतिबंधित रहता है। खनन बंद होने के कारण लाल बजरी की कमी आ गई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 08:40 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 08:40 PM (IST)
अक्टूबर से पूर्वांचल की मंडियों में पहुंचने लगेगा सोनभद्र का बालू , बरसात के कारण तीन माह से खनन बंद
तीन माह की बंदी के बाद से एक अक्टूबर से सोनभद्र की दोनों बालू खदानें संचालित होने लगेंगी।

सोनभद्र, जेएनएन। तीन माह की बंदी के बाद से एक अक्टूबर से जिले की दोनों बालू खदानें संचालित होने लगेंगी। एनजीटी के आदेश के क्रम में हर वर्ष जुलाई से सितंबर तक नदियों में बालू का खनन प्रतिबंधित रहता है। जिले में वर्तमान समय में दो बालू की खदानें क्रमश कोरगी व नगवां दोनों दुद्धी ब्लाक में संचालित हैं। तीन माह तक बालू का खनन बंद होने के कारण पूर्वांचल की मंडियों में सोनभद्र की लाल बजरी की कमी आ गई थी, जिसके कारण इसके दाम भी आसमान छूने लगे थे। अक्टूबर से बालू खदाने संचालित होने के बाद आसमान छू रहे बालू के दाम पर भी प्रभावी अंकुश लगेगा। पूर्वांचल की मंडियों में लाल बजरी की आपूर्ति सोनभद्र से होती है, यहां पर एनजीटी के आदेश के क्रम में जुलाई से सितंबर तक नदियों से खनन बंद होने से यह स्थिति उत्पन्न हुई थी, लेकिन अक्टूबर से खनन पर रोक हटने के बाद से स्थिति में सुधार होगी।

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पर्याप्त भंडारण न होने से बिगड़ी स्थिति

मंडियो में बालू की मांग के हिसाब से आपूर्ति बरकरार रहे इसके लिए शासन स्तर से इन तीन माह से पूर्व बालू साइड संचालकों को भंडार का अलग से लाइसेंस दिया जाता है, लेकिन तमाम झंझावतों के कारण इस बार भंडारण के नाम पर बालू साइड संचालकों द्वारा न के बराबर बालू भंडारण किया गया, जिसके कारण जल्द ही इनका स्टाक समाप्त हो गया। बालू की बढ़ती मांग व वैध आपूर्ति के साधन न होने के कारण जिले में इन तीन माह अवैध खनन का कारोबार भी खूब फलाफूला।

बिहार व छत्तीसगढ़ से बालू मंगवाना महंगा

जुलाई से सितंबर तक बालू खनन बंद होने की दशा में पूर्वांचल की मंडियों में बालू की आपूर्ति बिहार व छत्तीसगढ़ से किया गया। इतनी दूर से बालू मंगवाने के कारण यह आमजन को घर तक पहुंचते-पहुंचते महंगा हो जाता है। राबटर्सगंज नगर में बालू व गिट्टी के दुकान संचालक संतोष ङ्क्षसह ने बताया कि बंदी के दौरान बालू के दाम 54 सौ रुपये प्रति सौ फीट बिक रहा है, जबकि जिले के बालू की निकासी होने की स्थिति में यह बालू चार हजार से 42 सौ रुपये प्रति सौ फूट बिकता है।

एक अक्टूबर से सोनभद्र के दोनों बालू साइडों को हर हाल में संचालित कर दिया जाएगा

एनजीटी के आदेश के क्रम में बालू खनन का कार्य तीन माह के बंद कर दिया जाता है। निश्चित रूप से बालू की निकासी न होने से इसके दाम पर असर पड़ता है। एक अक्टूबर से जिले के दोनों बालू साइडों को हर हाल में संचालित कर दिया जाएगा, ताकि आमजन को बालू के बढ़ते दाम से राहत मिल सके।

- जीके दत्ता, खान निरीक्षक ।


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