बंजर और ऊसर जमीन पर 'एनर्जी फार्मिंग' से किसान होंगे खुशहाल, पथरीली जमीन पर सौर ऊर्जा प्लांट
बंजर व ऊसर जमीनें भी अब किसानों को मालामाल करेंगी क्योंकि जल्द ही ऐसी जमीनों पर सोलर एनर्जी प्लांट व सोलर पंप लगाए जाएंगे।
मीरजापुर [मनोज द्विवेदी]। फ्रांस के सहयोग से उप्र में सबसे बडा सौर ऊर्जा प्लांट जिले में संचालित है मगर शासन अब आम किसानों को भी सौर ऊर्जा से जोड़कर उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत है। बंजर और सर जमीनें भी अब किसानों को मालामाल करेंगी क्योंकि जल्द ही ऐसी जमीनों पर सोलर एनर्जी प्लांट व सोलर पंप लगाए जाएंगे। शासन की कुसुम योजना यानि किसान सुरक्षा उत्थान महाभियान के तहत एनर्जी फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे किसानों की वह जमीनें भी उत्पादक बनेंगी जिन पर खेती संभव नहीं है। इन पर सौर उर्जा प्लांट से उत्पादित बिजली को सरकार खरीदेगी और किसानों को इसका लाभ मिलेगा।
प्रदेश सरकार द्वारा उसर व बंजर जमीन पर सौर उर्जा प्लांट लगाने की योजना बनाई गई है। विंध्य जैसे पहाड़ी क्षेत्र की उसर व बंजर जमीनों को भी आर्थिक उत्पादकता से जोड़ा जाएगा। साथ ही इन प्लांट्स से सरकारी ट्यूबवेल, निजी पंप और पंपिंग सेट्स यूनिट को निर्बाध बिजली आपूर्ति भी की जा सकेगी। विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार यादव की मानें तो लगभग 17 फीसद बिजली पानी के पंपों में खपत होती है। सोलर प्लांट्स लगने से इसमें कटौती होगी और बिजली आपूर्ति भी बेहतर होगी। योजना के अनुसार इन प्लांट्स से तैयार बिजली को किसान सीधे सरकार को बेच सकेंगे। शुरूआती दौर मेें यह योजना बुंदेलखंड व विंध्याचल मंडल में क्रियान्वित की जानी है। प्रस्तावित सोलर एनर्जी प्लांट के लिए विद्युत निगम व सिंचाई विभाग की संयुक्त टीमें जल्द ही जनपद में सर्वे का काम पूरा करेंगी।
लगाए जा रहे एग्री फीडर
विद्युत निगम के अधिकारियों ने बताया कि कुसुम योजना लांच होने से पहले एग्री फीडर लगाए जा रहे हैं। जनपद में सरकारी ट्यूबवेल, पंप को बिजली आपूर्ति के लिए अतिरिक्त फीडर लगाने से खेती के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। अधिकारियों ने बताया कि गुजरात व मध्य प्रदेश जैसे राज्ययों में दशक भर पहले ही एग्री फीडर लगाए जा चुके हैं। जबकि उत्तर प्रदेश में भी यह योजना चलाई जा रही है।
प्रदूषण से मिलेगी मुक्ति
सरकारी की योजना के अनुसार एनर्जी फार्मिंग से स्वच्छ उर्जा का उत्पादन होगा जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदूषण की स्थिति में भी सुधार होगा। ग्रामीण अंचलों में ज्यादातर निजी पंप डीजल इंजन से चलाए जाते हैं। सोलर उर्जा प्लांट्स व सोलर पंप लगने से डीजल इंजन से होने वाले प्रदूषण पर रोक लग सकेगी। इससे किसानों व खेत दोनों की सेहत में सुधार होगा।
बोले अधिकारी : कुसुम योजना के तहत सोलर पंप किसानों के लिए वरदान साबित होगा। साथ ही एनर्जी फार्मिंग से कृषि के अतिरिक्त भूमि का सही इस्तेमाल किया जा सकेगा। - डा. अशोक उपाध्याय, उप कृषि निदेशक, मीरजापुर।