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Smart Meter Bill : वाराणसी में न सुनवाई , न शिकायत का निस्तारण सिर्फ उपभोक्ताओं से लगवाई जा रही दौड़

वाराणसी में बिजली विभाग के इस कारनामे की शिकायत एक उपभोक्ता ने बिजली विभाग के बिल के साथ जिलाधिकारी से की है। उपभोक्ता का कहना है कि अक्टूबर माह का बिजली बिल जमा करने के लिए पहडि़या बिजली विभाग के काउंटर से बिल निकलवाया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 10:56 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 10:56 PM (IST)
Smart Meter Bill : वाराणसी में न सुनवाई , न शिकायत का निस्तारण सिर्फ उपभोक्ताओं से लगवाई जा रही दौड़
वाराणसी में बिजली विभाग के इस कारनामे की शिकायत उपभोक्ता ने विभाग के बिल के साथ जिलाधिकारी से की है।

वाराणसी, जेएनएन। साहब, स्मार्ट मीटर ही जंप नहीं करता बिजली विभाग का बिल भी जंप करता है। बिजली विभाग के इस कारनामे की शिकायत एक उपभोक्ता ने बिजली विभाग के बिल के साथ जिलाधिकारी से की है। उपभोक्ता का कहना है कि अक्टूबर माह का बिजली बिल जमा करने के लिए पहडि़या बिजली विभाग के काउंटर से बिल निकलवाया। बिल जमा करने की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर, 2020 दर्ज है। बिल 5499.00 रुपये जमा करना है। बकायदा बिल पर अंकित है। बीटी-यूपी पीसीएलटी से मैसेज आया है कि 17 अक्टूबर तक विद्युत बिल बकाया 5550.69 रुपये 24 अक्टूबर तक भुगतान नहीं करने पर आपका संयोजन काट दिया जाएगा।

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साहब, आप ही न्याय करिए.. हम क्या करें। बिजली विभाग में कोई सुनवाई नहीं है। अधिकारी कान बंद कर चुके हैं। बहुत चिल्लाने पर कहते हैं कि हम कुछ नहीं कर सकते हैं। आप बिलिंग विभाग में जाइए। फलां अफसर से शिकायत करिए। आप आनलाइन शिकायत करिए। आनलाइन शिकायत करने पर कोई निस्तारण नहीं है।

स्मार्ट मीटर के धोखाधड़ी का मामला विधान परिषद सदस्य शतरुद्र प्रकाश ने बकायदा विधान परिषद में भी उठाया था। स्मार्ट मीटर को जंपिंग मीटर तक कहा। चाइनिज मीटर बताया। उपभोक्ताओं का कहना है कि लाखों उपभोक्ताओं की बात विधान परिषद सदस्य ने इधर बीच, पीएमओ, सीएम से लगायत विभागीय आला अधिकारियों  को पत्र लिखकर जानकारी दी। यह उन्हीं की शिकायत का नतीजा रहा कि पीएओ ने इसे संज्ञान में लिया। शिकायतों के निस्तारण के लिए महाकैंप का आयोजन हुआ लेकिन विभागीय अधिकारियों ने इसे वसूली कैंप बना दिया। बकायेदारों से सिर्फ वसूली पर जोर है। उपभोक्ता की शिकायत को झूठ ठहरा दिया जा रहा है। कोई दबंग शिकायत करने पहुंच रहा है तो जांच कराने की बात कहकर वापस भेज दिया जा रहा है। नियमित बिजली बिल जमा करने वाला उपभोक्ता परेशान हैं। लाखों के बकायेदार जुगाड़ के बूते साल में एक बार बिल जमा करते हैं। लाखों का बकाया तीस चालीस हजार में निबट जाता है। न इनकी बिजली कटती है न ही कोई नोटिस पहुंचता है।

केस वन

लंका कैफे एट होम के अधिष्ठाता सत्येंद्र ङ्क्षसह का कहना है कि पूरे लॉकडाउन के दौरान दुकान बंद रही। बिल 30 हजार रुपये बिजली बिल आया है। शिकायत पर कहा गया कि छूट का आदेश आने वाला है। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

केस दो

सुसुवाही के एक उपभोक्ता निर्भय चतुर्वेदी का कहना है कि स्वर्णा बैंक्वेट हाल है। जून तक दो लाख और गुरुधाम स्थित जिम का तीन लाख रुपये बिल आया था। बिजली विभाग ने अगले महीने छूट कराने के नाम पर जमा करा लिया लेकिन कोई छूट नहीं हुआ। शिकायत भी किए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।


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