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हर्ष फायरिंग : रीढ़ की हड्डी में गोली लगने से आजीवन दिव्यांग हुआ छह वर्ष का अभिषेक

वैवाहिक समारोहों में की गई हर्ष फायरिंग ने बिरनो थाना क्षेत्र अंतर्गत बीबीपुर गांव के छह वर्षीय अभिषेक का जीवन बर्बाद कर दिया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 04:49 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 04:49 PM (IST)
हर्ष फायरिंग : रीढ़ की हड्डी में गोली लगने से आजीवन दिव्यांग हुआ छह वर्ष का अभिषेक
हर्ष फायरिंग : रीढ़ की हड्डी में गोली लगने से आजीवन दिव्यांग हुआ छह वर्ष का अभिषेक

गाजीपुर, जेएनएन। वैवाहिक समारोहों में की गई हर्ष फायरिंग ने बिरनो थाना क्षेत्र अंतर्गत बीबीपुर गांव के छह वर्षीय अभिषेक का जीवन बर्बाद कर दिया। रीढ़ की हड्डी में गोली लगने से वह आजीवन दिव्यांग हो गया है। गरीब परिवार पैसे न होने से उसका समुचित उपचार भी नहीं करवा पा रहा है। ऐसे में वह अब घिसट-घिसटकर अभिशप्त जीवन जी रहा है। सोमवार को समग्र विकास इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रज भूषण दुबे अपने सहयोगियों संग अभिषेक के घर पहुंचे और पूरा मामला प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रेषित करते हुए समुचित इलाज, भरण पोषण तथा पढ़ाई की व्यवस्था कराए जाने का अनुरोध किया।

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उत्सव फायरिंग पूरी तौर पर अवैधानिक कृत्य हैं जिसमें लाइसेंस के निरस्तीकरण से लेकर संगीन अपराध तक दर्ज किए जाते हैं। कड़े नियम के बाद भी हर्ष फायरिंग रुकने का नाम नहीं ले रही है। शादी विवाह के अवसर पर अवैध असलहे से भी फायरिंग करते बहुधा देखा जाता है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को प्रेषित पत्र में ब्रजभूषण दूबे ने बताया की 21 नवंबर 2016 को बिरनो थाना क्षेत्र के बीबीपुर गांव में एक बरात आई थी जिसमें चल रहे आर्केस्ट्रा के दौरान कुछ मनचलों ने अवैध असलहों से फायरिंग शुरू कर दिया। इस फायरिंग का शिकार छह वर्षीय अभिषेक पुत्र राजकुमार राजभर हुआ, जिसकी रीढ़ की हड्डी में पिस्टल की गोली लग गई। जिला चिकित्सालय से लेकर वाराणसी के ट्रामा सेंटर तक उसका इलाज चला किंतु वह हमेशा के लिए अपंग हो गया। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार उसका समुचित इलाज नहीं करा पाया। नित्य क्रिया का उसे पता नहीं लगता। कमर के नीचे का पूरा भाग सुन्न हो गया है। परिवार के पास थोड़ी बहुत खेती की जमीन थी वह भी बिक गई। वर्तमान में अभिषेक स्थानीय प्राथमिक विद्यालय में कक्षा पांच का छात्र है। पढऩे में काफी होनहार है किंतु अब वह अपने से ना तो खड़ा हो सकता है ना ही बैठ सकता है। अभी तक कमर के पीछे की हड्डी दिखती है। चिकित्सकों के अनुसार यदि अच्छा इलाज हो तो पैरों में जान आ सकती है।

इलाज के नाम पर अब तक फूटी कौड़ी नहीं

अभिषेक के पिता राजकुमार मजदूरी करते हैं। परिवार के पास आवास के नाम पर केवल झोपड़ी है इलाज के नाम पर अब तक फूटी कौड़ी भी शासन के तरफ से नहीं प्राप्त हुई है। सामाजिक कार्यकर्ता एवं छात्र नेता शोभनाथ यादव ने कहा देश में रहने वाले हर व्यक्ति के जान माल की सुरक्षा का दायित्व राज्य का है, जिसमें वह असफल रहा इसलिए अभिषेक के पूरे जीवन तक भरण-पोषण पढ़ाई लिखाई एवं दवा इलाज का दायित्व सरकार का है। समग्र विकास इंडिया के व्याख्याता गुल्लू सिंह यादव ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ मामला कोर्ट में विचाराधीन है जहां सजा तो हो सकती है किंतु इससे दिव्यांग बच्चे का क्या होगा? इस अवसर पर समग्र विकास इंडिया के व्याख्याता गुल्लू यादव राजकुमार कश्यप एवं शोभनाथ यादव आदि थे।


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