एसआइटी ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के 16 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज करा दिया एफआइआर
परीक्षा अभिलेखों में हेराफेरी व फर्जी ढंग से सत्यापन करने के मामले में विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के 16 अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है। शासन से हरी झंडी मिलने के बाद एसआइटी ने लखनऊ में मुकदमा दर्ज कराया है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : परीक्षा अभिलेखों में हेराफेरी व फर्जी ढंग से सत्यापन करने के मामले में विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के 16 अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है। इसमें वर्ष 2004 से 2014 तक बीच विश्वविद्यालय तैनात छह कुलसचिव, उप कुलसचिव व सहायक कुलसचिवों के सहित 16 कर्मचारियों के नाम शामिल हैं। इसमें प्रो. गंगाधर पंडा कोल्हान विश्वविद्यालय (झारखंड) के कुलपति हैं। आरोपी पूर्व रजिस्ट्रार सहित कई अधिकारियों व कर्मचारियों पर गिरफ्तारी का भय सता रहा है। इसे देखते हुए कुछ कर्मचारी कोर्ट की शरण में जाने की तैयारी में जुटे हुए हैं। इसके लिए अधिवक्ता से संपर्क भी कर रहे हैं।
दरअसल वर्ष- 2004 से 2014 तक बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालय में संस्कृत विश्वविद्यालय के डिग्रीधारक बड़े पैमाने पर अध्यापक पद पर चयनित हुए थे। वहीं, विभिन्न जनपदों के डायटों द्वारा अंकपत्रों के सत्यापन रिपोर्ट दो तरह के रिपोर्ट भेज दी है। एक ही अनुक्रमांक के परीक्षार्थी को पहले फर्जी और बाद में प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण दर्शाया गया था। इसे लेकर भ्रम की स्थिति बन गई।
एसआइटी ने सूबे के भी 75 जिलों में चयनित शिक्षकों के अंकपत्रों की जांच नए सिरे से कराई थी
शासन ने इसकी जांच एसआइटी को सौंप दी। एसआइटी ने सूबे के भी 75 जिलों में चयनित शिक्षकों के अंकपत्रों की जांच नए सिरे से कराई थी। तीन साल लगातार जांच करने के बाद एसआइटी ने मार्च 2021 में रिपोर्ट शासन को सौंपी थी। साथ ही आरोपियों अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए शासन से अनुमति मांगी थी। शासन से हरी झंडी मिलने के बाद एसआइटी ने लखनऊ में मुकदमा दर्ज कराया है। इस मामले में अब जल्द ही आगे की कार्रवाई होगी।
2004 से 2014 के बीच संस्कृत विश्वविद्यालय तैनात अधिकारियाें के नाम इस प्रकार है। पूर्व कुलसचिव प्रो. गंगाधर पंडा, पूर्व कुलसचिव विद्याधर त्रिपाठी, योगेंद्र गुप्ता, उप कुलसचिव इंदूपति झा, सच्चिदानंद सिंह, महेंद्र कुमार, दीप्ति मिश्रा ।