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वाराणसी में एसआइटी ने नीलगिरी इंफ्रा मामले में पीडि़तों से लिया फीडबैक, शिकायतों को खंगाला

करोड़ों की धोखाधड़ी मामले में नीलगिरी इंफ्रासिटी कंपनी के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ शिकायत करने वाले पीडि़तों से एसआइटी ने फीडबैक लिया। चेतगंज थाने पहुंची एसआइटी ने मुकदमों से संबंधित फाइल का अवलोकन किया। साथ पीडि़तों से उनके मुकदमे के बारे में जानकारी ली।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 01:39 PM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 01:39 PM (IST)
वाराणसी में एसआइटी ने नीलगिरी इंफ्रा मामले में पीडि़तों से लिया फीडबैक, शिकायतों को खंगाला
एसआइटी ने मुकदमों से संबंधित फाइल का अवलोकन किया। साथ पीडि़तों से उनके मुकदमे के बारे में जानकारी ली।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। जमीन व गोल्ड में निवेश के साथ टूर पैकेज के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी मामले में नीलगिरी इंफ्रासिटी कंपनी के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ शिकायत करने वाले पीडि़तों से एसआइटी ने फीडबैक लिया। चेतगंज थाने पहुंची एसआइटी ने मुकदमों से संबंधित फाइल का अवलोकन किया। साथ पीडि़तों से उनके मुकदमे के बारे में जानकारी ली। उधर, प्रवर्तन टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी है। टीम ने मुकदमों से जुड़े दस्तावेज जुटाए। दस्तावेजों का अध्ययन कर जांच को गति दी जाएगी। जरूरत पड़ी तो इसमें धाराओं की वृद्धि भी की जा सकती है।

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नीलगिरी इंफ्रासिटी के सीएमडी विकास सिंह, उसकी पत्नी ऋतु व प्रबंधक प्रदीप यादव इन दिनों जेल में निरुद्ध हैं। आरोपितों के खिलाफ 40 मुकदमे दर्ज हैं। चेतगंज पुलिस ने पिछले दिनों तीनों को गिरफ्तार किया था। दर्ज मुकदमों की जांच व प्रभावी कार्रवाई के लिए पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश ने विशेष जांच दल का गठन किया है। यह दल चेतगंज थाने पहुंचा और पीडि़तों के बारे में जानकारी की और उनसे फीडबैक लिया। उनकी समस्या व शिकायतों पर विस्तुत बात की तथा कार्रवाई का आश्वासन भी दिया। विकास और उसके करीबियों की धोखाधड़ी व संपत्तियों का ब्योरा पांच सदस्यीय एसआइटी जुटा रही है। कंपनी के मुख्य प्रबंध निदेशक विकास सिंह के खिलाफ झारखंड की अदालत से नोटिस भी जारी किया गया था, जिसे जेल में तामील कराया गया।

निवेशकों ने इस मामले की शिकायत पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर से भी की थी। पूर्व आइपीएस ने इस संबंध में कार्रवाई की मांग की। भुक्तभोगी चंदन चौरसिया से टूर प्लान में 28 लाख 84 हजार रुपये जमा कराए गए थे। इसी तरह चेतलाल साहू से 24 लाख, दिपांशु शर्मा से तीन लाख 15 हजार, दिनेश चंद्र कुमार से चार लाख 50 हजार, संजीव कुमार से 10 लाख 50 हजार, अजय प्रसाद सिंह से 26 हजार 250, दयानंद कुमार से आठ लाख 25 हजार, मंजुशा सिंह से 10 लाख 50 हजार, सत्यप्रकाश से नौ लाख 66 हजार व अवधेश कुमार लाल से चार लाख 48 हजार रुपये जमा कराए गए थे। कुल मिलाकर एक करोड़ 66 लाख 69 हजार 485 रुपये जमा हुए। कंपनी को इसके एवज में इन्हें करीब चार करोड़ रुपये लौटाना था, लेकिन आरोपितों ने सभी को डरा धमका कर पैसों को हड़प लिया। पुलिस ने तहरीर के आधार पर कंपनी के सीएमडी, एमडी के अलावा प्रदीप यादव, संजय प्रजापति, अक्सा मैम व पलाश सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।


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