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उत्‍तर प्रदेश में बादलों की आवाजाही के संकेत, वाराणसी में बारिश के बाद गलन में इजाफा

वाराणसी में मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि पश्चिमी विक्षोभ के असर की वजह से गुरुवार की रात और शनिवार को दिनभर बूंदाबांदी हुई है। आने वाले दो दिनों में भी मौसम का रुख कुछ इसी तरह रह सकता है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 05:00 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 08:31 AM (IST)
उत्‍तर प्रदेश में बादलों की आवाजाही के संकेत, वाराणसी में बारिश के बाद गलन में इजाफा
दो दिनों में भी मौसम का रुख कुछ इसी तरह रहने की उम्‍मीद मौसम विभाग ने जताई है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। पूर्वांचल में मौसम का रुख लगातार बदलाव की ओर होने के साथ ही गलन का दौर भी बना हुआ है। हालांकि, गलन का दौर स्‍थाई न होकर सप्‍ताह भर में राहत की उम्‍मीद भी मौसम विज्ञानी जता रहे हैं। उससे पूर्व अगले दो दिनों तक बादलों की सक्रियता और कुछ इलाकों में बूंदाबांदी का भी संकेत मौसम विभाग ने दिया है। दो दिनों से रह रहकर हो रही बूंदाबांदी का दौर लोगों को जहां गलन का अहसास करा रहा है वहीं खेतों में बूंदें चुनौती के रूप में बरस रही हैं।

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मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि पश्चिमी विक्षोभ के असर की वजह से गुरुवार की रात और शनिवार को दिनभर बूंदाबांदी हुई है। आने वाले दो दिनों में भी मौसम का रुख कुछ इसी तरह रह सकता है। वहीं शनिवार की रात भर रह रहकर हो रही बरसात की वजह से मौसम बदला रहा। तड़के कोहरा नजर आया और घने कोहरे में वाहन भी हाइवे पर रेंगते नजर आए। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक और बारिश और बूंदाबांदी के संकेत दिए हैं। 

बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 17.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से छह डिग्री कम रहा। न्‍यूनतम तापमान 7.8 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्‍य से एक डिग्री कम दर्ज किया गया। आर्द्रता इस दौरान न्‍यूनतम 93 फीसद और अधिकतम 95 फीसद दर्ज की गई। मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्‍वीरों में पहाड़ों पर बर्फबारी और पश्चिमी विक्षोभ का असर बना हुआ है। मौसम का रुख इन दिनों बादलों की सक्रियता के बीच गलन का बना होने की वजह से लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी दिक्‍कतें भी खूब हो रही हैं। मौसम विभाग ने दो दिनों तक बादलों की आवाजाही के संकेत दिए हैं। 

वातावरण में पश्चिमी विक्षोभ का असर तो है ही साथ ही पूर्वांचल में गलन का व्‍यापक असर भी बना हुआ है। आर्द्रता में इजाफा का यह असर है कि 93 से लेकर 95 फीसद तक आर्द्रता का स्‍तर शनिवार को रहा। इसकी वजह से बादल भी बने और बूंदाबांदी का दौर भी रहा। हालांकि, झमाझम बरसात की उम्‍मीदें काफी कम ही हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दो दिनों के बाद मौसम का रुख बदलेगा और वातावरण में गलन का असर कुछ कम होगा। हालांकि, इसके पीछे भी पश्चिमी विक्षोभ का असर आ रहा है, अगर वह कम असरकारक हुआ तो राहत मिलेगी मगर पहाड़ों से आने वाली बर्फीली हवा का रुख कुछ दिनों तक और चुनौती देता रहेगा। 


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