शारदीय नवरात्र : विंध्यधाम में पांचवें दिन ढाई लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने नवाया शीश
विंध्यधाम में शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन लाखों श्रद्धालुओं ने श्रद्धा-भाव के साथ शीश नवाकर मंगलकामना की। दूर-दराज से विंध्यधाम आए श्रद्धालुओं ने पहले गंगा घाट पर पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई फिर विंध्यधाम गलियों में सजी दुकान से माला-फूल नारियल-चुनरी व प्रसाद लेकर कतारबद्ध हो गए।
मीरजापुर, जेएनएन। विंध्यधाम में शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन लाखों श्रद्धालुओं ने श्रद्धा-भाव के साथ शीश नवाकर मंगलकामना की। भक्तों ने मां विंध्यवासिनी के स्कंदमाता स्वरूप का दर्शन-पूजन किया और देवी के श्रीचरणों में माथा टेककर मनोवांछित फल प्राप्त करने की मन्नतें मांगी। इसके बाद त्रिकोण परिक्रमा कर कालीखोह स्थित मां काली और अष्टभुजा पहाड़ पर विराजमान मां अष्टभुजा का पूजन-अर्चन कर सुख-समृद्धि की कामना की। मंदिर परिसर पर श्रीदुर्गा सप्तशती का पाठ भी किया। बुधवार को ढाई लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने विंध्यधाम में हाजिरी लगाई। गंगा घाट से लेकर विंध्यधाम की गलियों में आस्था का अद्भुत संगम दिखा।
दूर-दराज से विंध्यधाम आए श्रद्धालुओं ने पहले गंगा घाट पर पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई फिर विंध्यधाम गलियों में सजी दुकान से माला-फूल, नारियल-चुनरी व प्रसाद लेकर कतारबद्ध हो गए। मंगला आरती के बाद कपाट खुलते ही भक्त जयकारे के साथ आगे बढऩे लगे। रह-रह कर श्रद्धालु मां का जयकारा लगाते रहे जिससे वातावरण देवीमय हो गया। धाम की सभी गलियां श्रद्धालुओं से पटी रहीं। बड़ी संख्या में लोगों ने बच्चों का उपनयन व मुंडन संस्कार कराया। मां विंध्यवासिनी के दर्शन के बाद भक्तों ने त्रिकोण परिक्रमा कर कालीखोह स्थित मां काली व अष्टभुजा पहाड़ पर विराजमान अष्टभुजा देवी का दर्शन-पूजन किया। घर वासपी के दौरान पुरुषों व महिलाओं ने प्रसाद के रूप में चुनरी, गमछा, लाठी, सिंदूर, चूड़ी, बिंदी एवं बच्चों ने खिलौने आदि की खरीदारी की। विंध्य पंडा समाज और पुलिस प्रशासन के लोग सुरक्षा में लगे रहे।
मास्क बगैर दर्शनार्थियों को नहीं मिला प्रवेश
श्रीविंध्य पंडा समाज के पदाधिकारी मेला क्षेत्र में लगाए गए लाउड स्पीडर के जरिए कोरोना से बचाव के लिए श्रद्धालुओं से मास्क पहनने की अपील करते रहे। हालांकि श्रद्धालु पहले से ही मास्क लगाकर आते दिखे। फिर भी पुलिसकर्मी लोगों को मास्क पहनने के लिए जागरूक करते रहे। मास्क न पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं को लाइन से बाहर भी कर दिया गया और उन्हें मास्क पहनकर आने को कहा गया।
धूल से पट गए शारीरिक दूरी के लिए बनाए गए गोले
कोरोना के दृष्टिगत प्रशासन की ओर से शारीरिक दूरी के बीच श्रद्धालुओं को दर्शन-पूजन कराने के लिए विंध्यधाम में गोला बनाया गया था लेकिन इस समय स्थिति यह है कि शारीरिक का पालन तो दूर गोले भी गायब हो गए हैं। धूल की परत जमने से गोला दिखाई ही नहीं पड़ रहे हैं।
उचक्कों ने फेरा हाथ, महिला दर्शनार्थी का चेन गायब
आखिरकार चेन स्नेचरों ने हाथ फेर ही दिया। नवरात्र के पांचवें दिन मीरजापुर शहर की एक महिला सरिता देवी मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने विंध्याचल आई थी। इसी दौरान गले में पहनी छह ग्राम सोने की चेन किसी ने निकाल लिया। शिकायत करने पर पुलिस ने जल्द ही उचक्के को पकड़कर चेन दिलाने का आश्वासन दिया। आरोप है कि मंदिर पर चारों तरफ सीसीटीवी कैमरा लगी हुई है। गुंडा दमन दल व सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की गई है। इसके बावजूद उचक्के घटना को अंजाम देने में सफल रहे। लोगों का कहना है कि अगर मंदिर पर शारीरिक दूरी का पालन किया जाता तो शायद ही महिला का चेन स्नेचिंग हो पाता।
सांड ने बालक पर किया हमला, सिंह से उठाकर पटका
नवरात्र मेला से पूर्व तैयारी को लेकर तमाम आदेश-निर्देश दिए गए लेकिन निराश्रित पशुओं पर ध्यान नहीं दिया गया। शहर के अलावा विंध्याचल मेला क्षेत्र में तमाम निराश्रित पशु घूम रहे हैं। थाना कोतवाली रोड स्थित दीवान घाट मार्ग पर एक सांड ने 12 वर्षीय बालक को सिंह से उठाकर पटक दिया। गनीमत रही कि उसने दोबारा हमला नहीं किया वरना कोई बड़ा हादसा हो सकता था। हर बार नगर पालिका कर्मी निराश्रित पशुओं को पकड़कर जंगल की ओर छोड़ देते थे लेकिन इस बार नगर पालिका की लापरवाही का खामियाजा बालक को भुगतना पड़ा।