Navratri 2020 : वाराणसी में सजेंगे दुर्गा पूजा पंडाल, विसर्जन जुलूस पर रहेगी रोक
शासन के निर्देश के क्रम में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने शारदीय नवरात्र में पूजा पंडालों में दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति दे दी है। परंपरागत सभी स्थलों पर पंडालों में प्रतिमाएं स्थापित की जा सकेंगी किंतु प्रतिमा की चौड़ाई व लंबाई पांच फीट से अधिक नहीं होगी
वाराणसी, जेएनएन। शासन के निर्देश के क्रम में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने शारदीय नवरात्र में पूजा पंडालों में दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति दे दी है। परंपरागत सभी स्थलों पर पंडालों में प्रतिमाएं स्थापित की जा सकेंगी, किंतु प्रतिमा की चौड़ाई व लंबाई पांच फीट से अधिक नहीं होगी। नए स्थल पर कहीं भी प्रतिमा रखने की छूट नहीं दी जाएगी। विसर्जन जुलूस आदि नहीं निकाले जाएंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि श्रद्धा के साथ लोग प्रतिमाओं को छोटे वाहन में रखकर निर्धारित स्थल पर विसर्जित करेंगे।
पूर्व की तरह ही विसर्जन के लिए प्रशासन की ओर से तय व्यवस्था होगी। अनुमति की शर्तों को पालन करना अनिवार्य होगा। वरना उल्लंघन पर कार्रवाई होगी। पंडालों में दुर्गा प्रतिमा की स्थापना की मांग पिछले कई दिनों से केंद्रीय पूजा समिति के अध्यक्ष तिलकराज मिश्रा समेत अन्य संस्थाओं की ओर से की जा रही थी। कई संस्थाएं तो शासन से भी इस बाबत आग्रह की थीं।
अक्टूबर से दिसंबर तक त्योहारी सीजन के दौरान कंटेनमेंट जोन में किसी भी त्योहार से जुड़ी गतिविधियों की अनुमति नहीं होगी। हालांकि इसके बाहर सरकार ने अनुमति दे दी है। रामलीला/दशहरा से संबंधित सामूहिक गतिविधियां यदि किसी बंद स्थान, हॉल या कमरे में होती हैं तो उसकी निर्धारित क्षमता का 50 प्रतिशत या अधिकतम 200 व्यक्तियों को ही प्रवेश मिलेगा। फेस मास्क, शारीरिक दूरी, थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजेशन व हैंड वॉश की उपलब्धता अनिवार्य होगी। यदि यह गतिविधियां खुले स्थान या मैदान में होती हैं तो क्षेत्रफल के अनुसार कोविड से बचाव के प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।
कंटेनमेंट जोन से किसी भी आयोजक, कर्मचारी या विजिटर को आयोजन में आने की अनुमति भी नहीं होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशानिर्देश के बाद शुक्रवार को मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने भी इस बाबत गाइडलाइंस जारी कर दी है। अब इसी के साथ काशी में पर्वों का दौर शुरू हो जाएगा।