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Sharadiya Navratri 2020 : मां विंध्यवासिनी का दीदार कर सकेंगे भक्त, प्रशासन व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने में जुटा

शारदीय नवरात्र के दौरान विंध्यधाम आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने बुधवार की शाम विंध्याचल के भारतीय स्टेट बैंक चौराहा स्थित प्रशासनिक भवन पर बैठक कर दस अक्टूबर तक सारी तैयारियां पूर्ण करने का निर्देश दिया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 09:43 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 09:43 PM (IST)
Sharadiya Navratri 2020 : मां विंध्यवासिनी का दीदार कर सकेंगे भक्त, प्रशासन व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने में जुटा
शारदीय नवरात्र के दौरान विंध्यधाम आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से डीएम ने बैठक की।

मीरजापुर, जेएनएन। शारदीय नवरात्र के दौरान विंध्यधाम आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने बुधवार की शाम विंध्याचल के भारतीय स्टेट बैंक चौराहा स्थित प्रशासनिक भवन पर बैठक कर दस अक्टूबर तक सारी तैयारियां पूर्ण करने का निर्देश दिया। हालांकि अभी शासन से कोई आदेश नहीं आया है फिर भी प्रशासन अपने स्तर पर व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने में जुट गया है। श्रीविंध्य पंडा समाज के साथ अघोषित शारदीय नवरात्र मेले की यह प्रथम बैठक थी।

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17 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 25 अक्टूबर तक चलने वाले शारदीय नवरात्र मेले की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी ने कहा कि बिजली, पानी, साफ-सफाई व गंगा घाटों पर सुरक्षा से लेकर खाद्य आपूर्ति एवं यातायात इत्यादि की व्यवस्था चाक-चौबंद कर ली जाए, ताकि सुचारू रूप से मेला प्रारंभ हो सके। इस वर्ष वासंतिक नवरात्र के दौरान श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन नहीं कर सके थें। दरअसल कोरोना के चलते वासंतिक नवरात्र के पहले ही 20 मार्च से विंध्यवासिनी मंदिर को बंद कर दिया गया था और श्रद्धालुओं के आने पर भी रोक लगा दी गई थी इसलिए श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी का दीदार नहीं कर सके थें लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। प्रशासन ने शारदीय नवरात्र की तैयारियों को लेकर कमर कस ली है और समस्त विभागों के अधिकारियों को दस अक्टूबर तक तैयारियां पूर्ण करने के लिए सख्य हिदायत के साथ निर्देश दिया है। जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने कहा कि अगली समीक्षा बैठक के दौरान मेले की तैयारियों का जायजा लिया जाएगा। यह एक अघोषित मेला है, अभी तक शासन से कोई आदेश नहीं आया है फिर भी मेले की तैयारियां शुरू कर दी गई है। शारदीय नवरात्र मेला के दौरान श्रद्धालुओं को हर प्रकार की सुविधा मुहैया हो, इसके लिए अपर पुलिस अधीक्षक नगर संजय वर्मा, अपर जिलाधिकारी यूपी सिंह, नगर मजिस्ट्रेट जगदंबा सिंह ने सभी विभागों को निर्देश दिया है। वहीं श्रीविंध्य पंडा समाज के पदाधिकारियों से कोरोना से बचाव के लिए सरकार के गाइडलाइन के अनुसार शारीरिक दूरी के साथ ही सावधानी व सतर्कता बरतने की अपील की।

निकास द्वार से प्रवेश कर सकेंगे तीर्थ पुरोहित

श्रीविंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने नगर मजिस्ट्रेट से निकास द्वार से तीर्थ पुरोहितों के आने-जाने की अनुमति देने का अनुरोध किया। इस पर नगर मजिस्ट्रेट ने मंदिर प्रभारी को आदेश किया कि निकास द्वार से सिर्फ तीर्थ पुरोहित आ-जा सकेंगे। दर्शनार्थियों के प्रवेश पर पूर्णतया रोक रहेगा।

रोप-वे के पास हरियाली व छांव बढ़ाने के लिए पौधे लगाने का निर्देश

जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने विंध्य पर्वत पर कालीखोह व अष्टभुजा के पास बने रोप-वे का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कालीखोह के ऊपर सोलर लाइट लगाने का निर्देश दिया। कहा कि प्रकाश व्यवस्था पहाड़ी पर चौकस रहे, ताकि दर्शनार्थियों को रात्रि के समय किसी प्रकार की असुविधा न होने पाए। इसी प्रकार अष्टभुजा रोप-वे के ऊपरी भाग पर बने शौचालयों की साफ-सफाई के साथ ही पानी की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने रोप-वे के आसपास हरियाली और छांव बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पौध लगाने का निर्देश दिया। बताया गया कि अष्टभुजा रोप-वे के नीचे प्रकाश व्यवस्था के लिए पर्यटन विभाग की ओर से 15 सोलर लाइट मिली हैं। इसमें से नौ सोलर लाइट लगाया जा चुका है। शेष लगाया जा रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि रोप-वे तक जाने के लिए इंटरलाकिंग मार्ग का निर्माण कराने के साथ ही बराबर साफ-सफाई कराया जाए।

ये होंगी तैयारियां

- साफ-सफाई, बिजली व पानी की व्यवस्था की जाएगी।

- शारीरिक दूरी के लिए गोला बनाया जाएगा।

- श्रद्धालुओं की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगेंगे।

- गंगा घाटों पर जालयुक्त बैरिकेटिंग के साथ ही मोटरबोट व गोताखोरों की तैनाती की जाएगी।

- विंध्यवासिनी मंदिर, कालीखोह, अष्टभुजा व ओझला पुल को जगमग रोशनी से सजाया जाएगा।

- घाटों पर वस्त्र बदलने व शौचालय की व्यवस्था।

- क्षतिग्रस्त सड़कों का मरम्मत।

- अग्निशमन दल की तैनाती।

- चिकित्सा सुविधा के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती।

- खाद्य आपूर्ति व यातायात व्यवस्था।

- वाहन स्टैंड की व्यवस्था।


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