अलीगढ़ से डाक्टरी की पढ़ाई पूरी कर शाहिद बद्र बन गए थे सिमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष
सिमी के निर्वतमान राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. शाहिद बद्र के खिलाफ दिल्ली गुजरात के अलावा यूपी के आजमगढ़ गोरखपुर बहराइच समेत अन्य जिलों में दर्जनभर मुकदमे दर्ज हैं।
आजमगढ़, जेएनएन। प्रतिबंधित संगठन सिमी के निर्वतमान राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. शाहिद बद्र के खिलाफ दिल्ली, गुजरात के अलावा यूपी के आजमगढ़, गोरखपुर, बहराइच समेत अन्य जिलों में दर्जनभर मुकदमे दर्ज हैं।
उनकी गिरफ्तारी की खबर पल भर में पूरे जिले में फैल गयी। कोतवाली में देर रात तक समर्थकों का तांता लगा हुआ था। शहर कोतवाली क्षेत्र के मनचोभा गांव निवासी डा. शाहिद बद्र ने अलीगढ़ विश्वविद्यालय से बीयूएमएस कर डाक्टरी की डिग्री हासिल की है। वे प्रतिबंध से पूर्व सिमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। 27 सितंबर 2001 को केंद्र सरकार ने सिमी पर प्रतिबंधित लगा दिया। पांच साल के लिए लगा प्रतिबंधित आज तक खत्म नहीं हुआ। बद्र का कहना है कि प्रतिबंध लगने केचलते सिमी का चुनाव नहीं हुआ और कोई दूसरा राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं हुआ। वे तभी से सिमी पर लगाए गए प्रतिबंधित का केस कोर्ट में लड़ रहे हैं।
उन्हें जानकारी नहीं है कि गुजरात में कब और किस धारा में उनके खिलाफमुकदमा दर्ज है। उनका कहना है कि 27 सितंबर को जब सिमी पर प्रतिबंध लगा तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। वे चार साल बाद 7 अप्रैल 2004 को जेल से रिहा हुए थे। वर्ष 2000 में जब वे सिमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे तो उस दौरान जिले में आने के बाद पुराना हरिऔध कला भवन में पत्रकार वार्ता किए थे। पत्रकार वार्ता के दूसरे दिन जिले के शहर कोतवाली में उनके खिलाफ भड़काऊ शब्द कहने व देश द्रोह की बात कहने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद भी एक और मुकदमा शहर कोतवाली में उनके खिलाफ दर्ज हुआ।