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Sonbhadra की गोशाला में ठंड से सात बेजुबानों की मौत, कर्मियों ने ट्रैक्टर से मृत गायों को नहर में फेंका

गौशाला में दो दिनों में ठंड से सात गायों की मौत हो गई। मामला दबाने के लिए जिम्मेदारों ने शनिवार को चार व रविवार को तीन मृत गायों को ट्रैक्टर से लादकर पास के नहरे में फेंक दिया और कह रहे कि गोशाला में मवेशियों की मौत नहीं हुई है।

By Abhishek sharmaEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 06:05 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 09:50 AM (IST)
Sonbhadra की गोशाला में ठंड से सात बेजुबानों की मौत, कर्मियों ने ट्रैक्टर से मृत गायों को नहर में फेंका
गौशाला में दो दिनों में ठंड से सात गायों की मौत हो गई, दो गायों की हालत गंभीर है।

सोनभद्र, जेएनएन। घोरावल ब्लाक के केवली गांव स्थित गौशाला में दो दिनों में ठंड से सात गायों की मौत हो गई। दो गायों की हालत गंभीर है। मामले को दबाने के लिए जिम्मेदारों ने शनिवार को चार व रविवार को तीन मृत गायों को ट्रैक्टर से लादकर पास के नहरे में फेंक दिया और कह रहे कि गोशाला में मवेशियों की मौत नहीं हुई है। मवेशियों की मौत का खुलासा वहां के केयर टेकर ने किया है। उसके बात हड़कंप मच गया है।

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केवली गोशाला आश्रय में शनिवार को चार गायों की मौत हुई है। मृत गायों को ट्रैक्टर ट्राली से लादकर करीब एक किमी दूर केवली तिलौली नहर वाले मार्ग पर फेंक दिया गया। रविवार को तीन और गायों की मौत होने पर उन्हें वहीं फेंक दिया गया। इस गोशाला में अव्यवस्था है। गायों के लिए परिसर में चार शेड बनाए गए हैं। एक शेड में 50 गाय रखने की व्यवस्था है। उसकी क्षमता दो सौ गायों की क्षमता बताई जा रही है। पेट भरने के लिए दो भूसा कक्ष है। लेकिन भूसे के अलावा बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो इन बेसहारा पशुओं को मिलनी चाहिए। चूनी, चोकर, खरी नमक, हरा चारा की उपलब्धता नहीं है।

16 अक्टूबर 2020 को क्षेत्रीय विधायक द्वारा वृहद गो संरक्षण केंद्र का उद्घाटन किया गया था। उस समय गाय की संख्या कम थी लेकिन वर्तमान में उनकी संख्या बढ़कर 159 पहुंच गई है। बेजुबानों को कड़ाके की ठंड से बचाने का कोई व्यवस्था नहीं दिखी। तिरपाल के पर्दे जरूर डाले गए हैं लेकिन मवेशियों की पीठ पर बोरा या फिर अलाव का इंतजाम नहीं है। 

केयर टेकर ने बताई सच्चाई  

केवली गांव के निवासी दंपत्ति प्रेमा तथा बैजनाथ मवेशियों की देखभाल करते हैं। दंपत्ति ने बताया कि उन्हें समय से मजदूरी भी नहीं मिलती। पशु चिकित्सक डा. जय सिंह इस मामले को दबाने की पूरी कोशिश में लगे रहे लेकिन केयर टेकर ने बताया कि दो दिनों में सात गायों की मौत हुई है। 

चिकित्सक ने बकाया गोशाला के नहीं मवेशी 

गायों के मरने की सूचना मिली है। वहां तैनात चिकित्सक का कहना है कि गोशाला के मवेशी नहीं मरे हैं। नहर के पास मृत मिले मवेशी गांव के पशु पालकों के हैं। गोशाला में महज दो मवेशी काफी बीमार हैं, जो कभी भी दम तोड़ सकते हैं। - डा. एके श्रीवास्तव, पशु मुख्य चिकित्साधिकारी। 


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