Move to Jagran APP

महिला महाविद्यालय बीएचयू में कनिष्ठ को तकनीकी से अवगत कराने के लिए आगे आईं सीनियर

महिला महाविद्यालय काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भैतिक शास्त्र विभाग ने एक अनूठी पहल शुरू की है। इसके तहत सीनियन शोध छात्राएं अपनी कनिष्ठ को शोध की तकनीकी से अवगत करा रही है। इस नई पहल की शुरूआत रविवार को शुरू की गई।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 05 Sep 2021 02:43 PM (IST)Updated: Sun, 05 Sep 2021 02:43 PM (IST)
महिला महाविद्यालय बीएचयू में कनिष्ठ को तकनीकी से अवगत कराने के लिए आगे आईं सीनियर
महिला महाविद्यालय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भैतिक शास्त्र विभाग ने एक अनूठी पहल शुरू की है। इ

जागरण संवाददाता, वाराणसी। महिला महाविद्यालय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भैतिक शास्त्र विभाग ने एक अनूठी पहल शुरू की है। इसके तहत सीनियन शोध छात्राएं अपनी कनिष्ठ को शोध की तकनीकी से अवगत करा रही है। इस नई पहल की शुरूआत रविवार को शुरू की गई।

loksabha election banner

महिला महाविद्यालय के भौतिक शास्त्र विभाग का यह मानना रहा है की अगर भारतवर्ष में विज्ञान में शोध को उच्च स्तर तक पहुंचाना है तो छात्र/ छात्राओं को स्नातक से ही शोध की तकनीक से अवगत करना जरूरी है। अक्सर देखा जाता है कि ज्यादातर शोधछात्र मात्र एक डिग्री प्राप्त करने के लिए आते हैं। उस समय उनसे बहुत उच्च स्तर का शोध करा पाना काफी मुश्किल होता है। विश्व भर में भी विभिन्न प्रशिक्षुता (इन्टर्नशिप) के माध्यम से स्नातक के छात्र / छात्राओं को स्नातक से ही शोध के लिए प्रेरित किया जाने का प्रयास होता रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए महिला महाविद्यालय द्वारा छात्राओं को इन प्रशिक्षुता के लिए प्रेरित व तैयार करने के लिए प्रयास किए हैं।

इसी प्रयास में छात्राओं को शोध की तकनीक से अवगत कराने एवं उनको उत्साहित करने के प्रयास में भौतिक शास्त्र विभाग (महिला महाविद्यालय) ने एक नया कार्यक्रम शुरू किया है । जहां जो छात्र/ छात्राएं विगत वर्षों में ऐसे किसी भी प्रशिक्षुता के लिए चयनित किए गए हैं। उनको अपने कार्यों का विवरण प्रस्तुत करने एवं अपने कनिष्ठ साथियों को अपनी तैयारियों के विषय में जानकारी दिये जाने का अवसर दिया जाता है। इसी प्रयास के तहत रविवार को सुप्रभा भट्टाचार्य समर रिसर्च फेलोशिप प्राेग्राम के लिए चुने जाने के अपने अनुभव को साझा किया। सुप्रभा इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी-समर रिसर्च फेलोशिप प्रोग्राम-2021 के लिए गईं थी।

इसके तहत उनको एआरआईईएस- नैनीताल में वरिष्ठ प्रोफेसर के साथ काम करने का अवसर मिला। सुप्रभा ने छात्राओं को शोध इंटर्नशिप करने के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया। उन्होंने अपने प्रशिक्षुता प्रोजेक्ट सोलर फ्लेयर्स, सोलर साइकिल और आरोरा के बारे में चर्चा की। सोलर फ्लेयर्स उच्च गति के आवेशित कण होते हैं जो सूर्य की सतह से उसके विकृत चुंबकीय क्षेत्र के कारण उत्सर्जित होते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.