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आइएमए अध्यक्ष और सचिव पद पर दो-दो प्रत्याशी होने से अब सीधी टक्कर

वाराणसी में आइएमए के मतदान के एक दिन पूर्व शनिवार को प्रत्याशियों ने अपनी ताकत झोंक दी।

By Edited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 09:56 AM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 09:56 AM (IST)
आइएमए अध्यक्ष और सचिव पद पर दो-दो प्रत्याशी होने से अब सीधी टक्कर
आइएमए अध्यक्ष और सचिव पद पर दो-दो प्रत्याशी होने से अब सीधी टक्कर

वाराणसी (जेएनएन) । इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) मतदान के एक दिन पहले शनिवार को विभिन्न पैनल से लड़ रहे प्रत्याशियों ने अपनी-अपनी ताकत झोंक दी। वे अपने समर्थकों संग मंडलीय, दीनदयाल, निजी अस्पतालों और उनके घरों में डेरा डाले रहे। सभी प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा करते हुए सदस्यों से अपने पक्ष में वोट देने की बात कर रहे हैं। मतदान के अंतिम दिन पैनल और चिकित्सकों ने अपने पक्ष में वोट डलवाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रत्याशी जीतने के साथ उनके विकास के लिए क्या-क्या करेंगे, कैसे उनका विकास, सुरक्षा, हित की लड़ाई लड़ेंगे बताते रहे।

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अध्यक्ष पद के लिए डा. आलोक भारद्वाज और कार्तिकेय सिंह की सीधी टक्कर है। इसी प्रकार सचिव पद पर डा. एसपी सिंह और डा. मनीषा सिंह हैं। इस पद पर भी दो ही प्रत्याशी होने के कारण यहां भी दोनों में सीधी टक्कर है। राजस्व सचिव के लिए डा. एके त्रिपाठी और डा. राजेश्वर सिंह में टक्कर है। सदस्य चिकित्सक भी प्रत्याशियों की बातों को सुनने के बाद उन्हें वोट देने की बात कर रहे लेकिन वे वोट देने को लेकर असमंजस में हैं, किसे वोट दें, क्यों दें, कौन चिकित्सकों के हित की लड़ाई लड़ेगा आदि सोच रहे हैं। -1684 चिकित्सक देंगे वोट -सुबह 10 से शाम छह बजे तक मतदान -शाम साढ़े बजे के मतगणना होगा -सीसी कैमरे और वीडियों रिकार्डिग के बीच होगा मतदान और मतगणना -मतदाताओं की सूची गेट पर चस्पा -मतदान के लिए चिकित्सकों को लाना होगा आइ कार्ड -डा. बीसी राय मेमोरियल हाल में होगा मतदान कई चिकित्सकों ने नहीं खोला गेट प्रत्याशी अपने पक्ष में वोट मांगने के लिए चिकित्सकों के घर-घर जा रहे हैं।

चिकित्सकों और उनके समर्थकों की भीड़ देख कई सदस्य चिकित्सकों ने अपने गेट नहीं खोले। उन्होंने गार्ड से कहवा दिया कि डाक्टर साहब नहीं है, इसको लेकर प्रत्याशी के समर्थकों ने नाराजगी भी जाहिर की। रातभर चली होटलों में पार्टी मतदान के एक दिन पहले छावनी, कैंट, सिगरा और भेलूपुर क्षेत्र के कई होटलों में रातभर चिकित्सकों की पार्टी चली। वे अपने पक्ष में वोट डलवाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे थे। पैनल की प्रतिष्ठा लगी दांव पर कभी अकेले चुनाव लड़े चिकित्सकों ने अलग-अलग अपना पैनल बना लिया है। चिकित्सक अलग-अलग पैनल से चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में पैनल अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक दिए हैं। अध्यक्ष और सचिव के लिए दो-दो प्रत्याशी मैदान में होने के कारण दो पैनल भी आमने-सामने हो गए हैं और उनकी भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।


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