वाराणसी पुलिस का रुख सख्त देख फ्राड कंपनी के सहयोगी हुए भूमिगत, एसआइटी बढ़ा सकती जांच का दायरा
कंपनी के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमों की जांच के लिए पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश ने विशेष जांच दल का गठन भी किया है। एडीसीपी वरुणा जोन प्रबल प्रताप सिंह के निर्देशन व एसीपी नितेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में एसआइटी जांच कर रही है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। नीलगिरी इंफ्रासिटी की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। पुलिस की सख्ती के बाद कंपनी के सहयोगी भूमिगत हो गए हैं। मामले की जांच कर रही एसआइटी अब इन्हें ढूंढ कर बाहर निकालने में जुट गई है। कंपनी के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ 38 मुकदमे दर्ज हैं। चेतगंज पुलिस कंपनी के मुख्य प्रबंध निदेशक विकास सिंह, उसकी पत्नी समेत तीन आरोपितों को जेल भी भेज चुकी है। अन्य आरोपितों की धरपकड़ के लिए पुलिस दबिश दे रही है, लेकिन अब तक वे हाथ नहीं लगे हैं। पुलिस का मानना है कि अन्य आरोपितों व कंपनी के सहयोगियों ने ठिकाना बदल दिया है। उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। जल्द ही अन्य आरोपित भी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
कंपनी के खिलाफ कुवैत दूतावास से एफआइआर के लिए मेल पुलिस को मिला है। झारखंड, गुजरात, मध्यप्रदेश सहित अन्य प्रांतों के भुक्तभोगियों ने भी इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया है। जमीन, गोल्ड में निवेश के साथ टूर पैकेज के नाम पर 10 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का कंपनी के लोगों पर आरोप है। भुक्तभोगियों ने इस मामले को लेकर मलदहिया क्षेत्र स्थित कंपनी के कार्यालय में हंगामा भी किया था।
विशेष जांच दल का गठन भी किया गया
कंपनी के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमों की जांच के लिए पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश ने विशेष जांच दल का गठन भी किया है। एडीसीपी वरुणा जोन प्रबल प्रताप सिंह के निर्देशन व एसीपी नितेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में एसआइटी जांच कर रही है। झारखंड की अदालत ने भी आरोपित विकास के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए तलब किया है। सह नोटिस आरोपित की कंपनी गोल्डन स्काई टूर प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित है। पुलिस आयुक्त का कहना है कि पुलिस अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर प्रभावी पैरवी करेगी। वहीं सूत्रों का कहना है कि एसआइटी जांच का दायरा बढ़ा सकती है। आरोपितों से भी पूछताछ होगी।