मौसम का मिजाज बदलता देख किसानों की बढ़ी चिंता, बारिश की संभावना से फसल बर्बाद होने को लेकर भयभीत
मौसम का मिजाज बदलता देख किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं। उन्हें चिंता है कि कहीं आंधी व बारिश हुई तो गेहूं की फसल बर्बाद हो जाएगी। अभी ज्यादातर किसानों ने गेहूं की कटाई भी नहीं की है। कुछ क्षेत्रों में फसल कट चुकी है।
जौनपुर, जेएनएन। मौसम का मिजाज बदलता देख किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं। उन्हें चिंता है कि कहीं आंधी व बारिश हुई तो गेहूं की फसल बर्बाद हो जाएगी। अभी ज्यादातर किसानों ने गेहूं की कटाई भी नहीं की है। कुछ क्षेत्रों में फसल कट चुकी है। मौसम के बदलते तेवर से किसानों की मुश्किल बढ़ गई हैं। पूर्वी हवाओं के चलने से गेहूं की मढ़ाई का कार्य भी प्रभावित हो रहा है।
मंगलवार को दोपहर बाद से मौसम का मिजाज बदला है। कुछ किसान खेत में गेहूं की कटाई कर रहे थे। वह जल्दी-जल्दी गेहूं को समेटने लगे। किसानों का कहना है कि अगर मौसम ऐसे ही रहा तो खेत में लगी पूंजी बर्बाद हो जाएगी। क्षेत्र के सरकी, बसगित, अमिहित, मुर्की, बंजारेपुर में बुधवार की सुबह हल्की बूंदाबांदी हुई है। बुधवार को भी धूप-छांव बना रहा। यह देखकर किसान परेशान रहे। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक मंगलवार का रात में हुई बूंदाबांदी से गेहूं की फसल पर अभी तक कोई असर नहीं है। जब तेज बारिश होगी तो असर पड़ सकता है। कृषि वैज्ञानिक नरेंद्र ङ्क्षसह रघुवंशी ने बताया कि बारिश की संभावना बनी हुई है। अगर हो गई तो फसल खराब हो सकती है।
बदलते मौसम में लू का बढ़ रहा प्रकोप, बचाव जरूरी
कोविड-19 के फिर लगातार बढ़ते संक्रमण के खतरे के साथ ही बदलते मौसम और लू के प्रकोप से मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे कोरोना के साथ-साथ बदलते मौसम व गरम हवाओं से बचने की बेहद आवश्यकता है। स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है और लोगों से सतर्क व बचाव की अपील भी की है। लू से बचाव के लिए चिकित्सालय समेत सभी पीएचसी व सीएचसी में दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखने के लिए निर्देश दिए गए हैं। सीएमओ डा. सतीशचंद्र सिंह ने बताया कि गर्मी में लू, हीट स्ट्रोक पानी की कमी या डिहाइड्रेशन, बुखार या पेट की बीमारियां जैसी समस्याएं होने की अधिक संभावना होती है। ते•ा धूप की वजह से चक्कर आना, उलटी आना, बुखार आदि हो सकता है। ऐसे मौसम में स्वास्थ्य का ख्याल रखना बहुत •ारूरी है। इससे बचने के लिए धूप में जितना हो सके कम जाएं और अगर बाहर जाना पड़े तो सिर ढक कर ही बाहर निकलें। ज्यादा से ज्यादा पानी पीये, लस्सी, छाछ या आम पन्ना का सेवन भी इस रोग से बचाने में कारगर है।