पूर्व प्रधान की हत्याकांड में शामिल दूसरा शूटर आजमगढ़ में भी गिरफ्तार, भेजा गया जेल
मीरजापुर देहात कोतवाली क्राइम ब्रांच तथा एसओजी की संयुक्त टीम ने पूर्व प्रधान राजेश यादव हत्याकांड में वांछित चल रहे दूसरे शूटर गौरव सिंह पुत्र गिरीशचंद्र निवासी छपरा सुल्तानपुर थाना जीयनपुर जनपद आजमगढ़ को भी सोमवार की सुबह दबोच लिया।
मीरजापुर, जेएनएन। देहात कोतवाली, क्राइम ब्रांच तथा एसओजी की संयुक्त टीम ने पूर्व प्रधान राजेश यादव हत्याकांड में वांछित चल रहे दूसरे शूटर गौरव सिंह पुत्र गिरीशचंद्र निवासी छपरा सुल्तानपुर थाना जीयनपुर जनपद आजमगढ़ को भी सोमवार की सुबह दबोच लिया। पुलिस ने बदमाश के पास से 312 बोर का एक तमंचा व कारतूस तथा सौ-सौ के तीन नोट बरामद किया है। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह बाइक चला रहा था और उसके साथी कुनाल सिंह ने राजेश की गोली मारकर हत्या की थी। इसके बाद वे बेलेहरा मोड़ से लालगंज होते हुए प्रयारागज जनपद निकल गए थे। पूछताछ के बाद आरोपित को जेल भेज दिया गया है।
पुलिस लाइन में सोमवार को प्रेस प्रतिनिधियों से बातचीत में अपर पुलिस अधीक्षक नगर संजय कुमार वर्मा ने जानकारी दी। बताया कि मडि़हान के हरदी खुर्द गांव निवासी पूर्व प्रधान राजेश यादव पुत्र जोखू यादव की बाइक सवार बदमाशों ने 20 नवंबर की रात देहात कोतवाली के बेलहरा मोड़ के पास गोली मारकर हत्या कर दी थी। जांच के दौरान प्रकाश में आया कि जमीनी विवाद के चलते राजेश के दोस्त बाबू खान निवासी रागबाग ने ही विंध्याचल के कपिल चौबे के माध्यम से कुनासिंह निवासी बिरईपुर प्रयागराज व गौरव सिंह निवासी आजमगढ़ को पूर्व प्रधान की हत्या करने के लिए छह लाख की सुपारी दी थी। सुपारी का दो लाख रुपये मिलने पर कुनाल व गौरव प्रधान की हत्या करने के लिए 18 नवंबर की रात विंध्याचल के गायत्री पैलेस में आकर रूके थे। इसके बाद 19 नवंबर को राजेश की रेकी करने के बाद 20 नवंबर की रात बेलहरा मोड़ पर घर से बुलाकर गोली मार हत्या कर दी। गत दिनों कुनाल सिंह को उसके साथी शुभम सिंह के साथ बरकछा के पास से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। सोमवार को सूचना मिली कि गौरव सिंह सुपारी के बाकी बचे रुपये को लेने के लिए जनपद में आया हुआ है। इस पर देहात कोतवाल विजय चौरसिया, क्राइम ब्रांच के राम स्वरूप वर्मा, एसओजी के जयदीप वर्मा, भूपेंद्र, बृजेश यादव, अजय, मनीष आदि सरैया के पास पहुंचे और घेराबंदी गिरफ्तार कर लिया।
बदमाशों ने गौरव को डाला जरायम की दुनिया में
गौरव सिंह का इससे पहले कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। वह काफी होनहार छात्र था। इंटर की पढ़ाई करने के बाद जीयनपुर स्थित एक कालेज से आइटीआइ की पढ़ाई कर रहा था। कुछ साल पहले उसके गांव में दो पक्षों के बीच जमीनी विवाद लेकर मारपीट हो गई। इसमें किसी ने बता दिया कि उसका भी नाम आ रहा है। यह सुन वह डर गया और घर से लखनऊ भाग गया। वहीं बदमाशों से इसका संपर्क हो गया। उन लोगों ने इसे घटना में बचा लेने का आश्वासन देते हुए इसका इस्तेमाल करने लगे। इस लाइन में आने के बाद गौरव रुपये लेकर लोगों की हत्याएं करने लगा।