मीरजापुर से सोनभद्र आ रही स्कूली बस पलटी, घटना के बाद दोनों जिलों की पुलिस मौके पर नहीं पहुंची
कालेज में बच्चों को आने जाने के लिए बस की भी सुविधा है। शुक्रवार की सुबह यहां की स्कूल बस क्षेत्र से बच्चोंं को लेने गई थी। बस मीरजापुर जिले के अहरौरा थाना क्षेत्र के पड़रवा गांव से स्कूली बच्चों को लेकर विद्यालय के लिए लौट रही थी।
सोनभद्र, जागरण संवाददाता। पगिया गांव में संचालित कलावती देवी इंटर कालेज के बच्चों से भरी स्कूल बस शनिवार की सुबह मीरजापुर जिले के अहरौरा थाना क्षेत्र के पड़रवा गांव में अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में बस में सवार 22 बच्चों में से आठ घायल हो गए। चीख पुकार सुनकर इकट्ठा हुए ग्रामीणों ने बच्चों को बस से बाहर निकाला और स्वजन को मामले की जानकारी दी। कालेज के प्रबंधक रामफल मौर्य समेत बच्चों के अभिभावक मौके पर पहुंच गए। कुछ अभिभावक बच्चों को महज खरोच आने के कारण उन्हें लेकर घर चले गए जबकि एक ने अपने दो घायल बच्चों का उपचार प्राथिमक स्वास्थ्य केंद्र करमा में कराया। मौके पर अहरौरा थाना की पुलिस नहीं पहुंची थी।
इंटर कालेज की बस शनिवार की सुबह बच्चों को लेने के लिए निकली थी। बस करमा थाना की सीमा से सटे मीरजापुर जिले के पड़रवा गांव में भी बच्चों को लेने गई थी। वहां से लौटते समय बस अनियंत्रित हो गई और सड़क के किनारे खेत में पलट गई। हादसे में बस में सवार 22 में से आठ बच्चे घायल हो गए। घायल बच्चों में श्रेया (11), अलका (15), वसु (12), रमन (14), श्रेयांश (8), शिवांग (10), आकांक्षा (16), अलका जायसवाल (14) शाामिल हैं। हादसे के बाद चालक मौके से फरार हो गया। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बच्चों को बस से बाहर निकाला और उनसे मोबाइल नंबर लेकर परिवार वालों को जानकारी दी। सूचना पर अभिभावकों के अलावा कालेज के प्रबंधक रामफल मौर्य भी मौके पर पहुंच गए। अभिभावक छ: बच्चों को अपने साथ ले गए।
सिर्फ श्रेया और श्रेयांश का प्राथिमक उपचार उनके पिता रविंद्र बहादुर सिंह ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करमा में कराया। शेष बच्चों का उपचार अभिभावकों ने निजी डाक्टरों से कराया। घटना के संबंध में करमा थाना के निरीक्षक प्रदीप सिंह ने बताया कि उन्हें इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। उधर यही अहरौरा पुलिस का भी कहना है। जबकि, कालेज के प्रबंधक रामफल ने बताया कि उन्हें जैसे ही घटना की जानकारी हुई वे मौके पर पहुंच गए थे। उन्होनें अभिभावकों से कहा है कि वे बच्चों का बेहतर उपचार कराएं, जो खर्च आएगा वह कालेज देगा।