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कालीन निर्यात संवर्धन परिषद की आडिट में खुलेगी घोटाले की पोल, विकास आयुक्त कार्यालय के निर्देश पर जांच शुरू

भारत सरकार वस्त्र मंत्रालय के विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) के निर्देशानुसार कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) की जल्द ही होने वाली आडिट में बड़े घोटाले का खुलासा हो सकता है। इसे लेकर कालीन परिक्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 06:20 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 06:20 PM (IST)
कालीन निर्यात संवर्धन परिषद की आडिट में खुलेगी घोटाले की पोल, विकास आयुक्त कार्यालय के निर्देश पर जांच शुरू
विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) के निर्देशानुसारसीईपीसी की होने वाली आडिट में बड़े घोटाले से पर्दा उठ सकता है।

भदोही, जेएनएन। भारत सरकार वस्त्र मंत्रालय के विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) के निर्देशानुसार कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) की होने वाली आडिट में बड़े घोटाले से पर्दा उठ सकता है। विकास आयुक्त के निर्देश के बाद भी परिषद के अधिशासी निदेशक (ईडी) संजय कुमार को बनाए रखने की कवायद भी फेल होती दिख रही है। सबकी निगाह दो जुलाई को होने वाली बोर्ड की बैठक पर टिकी हुई है। इस बैठक में नए चेयरमैन उमर हमीद की ओर से कठोर कदम उठाया जा सकता है।

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अंदरूनी कलह उस समय खुलकर सामने आई जब विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कार्यालय भारत सरकार ने परिषद के अधिशासी निदेशक को पदमुक्त करते हुए परिषद की आडिट कराने का निर्देश जारी कर दिया। इससे कालीन परिक्षेत्र में हड़कंप मच गया। यह कार्रवाई प्रशासनिक समिति के सदस्यों की शिकायत पर की गई। अधिशासी निदेशक का बचाव करते हुए 15 जून को तत्कालीन चेयरमैन सिद्धनाथ सिंह मंत्रालय के आदेश पर असहमति जताई थी। यही नहीं अधिशासी निदेशक का पदोन्नति करते हुए रिटर्निंग अफसर बना। सीईपीसी के सदस्यों ने विकास आयुक्त से शिकायत कर आरोप लगाया था कि अधिशासी निदेशक ने वित्तीय अनियमितता की है। इसी शिकायत पर उन्हें पद से हटा दिया गया था। इसी बीच कार्यकाल पूरा होने पर सिद्धनाथ सिंह को हटाकर उनके स्थान उमर हमीद को चेयरमैन बना दिया गया। निर्यतकों का कहना है कि जांच कराई गई तो किसी बड़े घोटाले से इनकार भी नहीं किया जा सकता है। पिछले दिनों भदोही में आयोजित कार्यक्रम नाम पर भी लाखों का वारा-न्यारा किया गया है।

चुनाव व कुछ अन्य बिंदुओं पर भी विचार विमर्श के बाद फैसला होगा

सरकार के निर्देशानुसार उन्होंने 18 जून को परिषद के नई दिल्ली कार्यालय जाकर चार्ज ले लिया है। दो जुलाई को बोर्ड की बैठक बुलाई गई है। प्रशासनिक सदस्यों की राय से भविष्य की योजना पर काम किया जाएगा। परिषद की आडिट का काम सरकार का है। ईडी के मामले में बोर्ड की सहमति के बाद कोई निर्णय लिया जाएगा। इसी तरह चुनाव व कुछ अन्य बिंदुओं पर भी विचार विमर्श के बाद फैसला होगा।

- उमर हमीद, चेयरमैन, कालीन निर्यात संवर्धन परिषद।


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