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तस्‍मै श्री गुरवे नम:... गुरु चरणों की वंदना संग चरणों की धूलि से माथे पर सजाया सौभाग्‍य का टीका

सेनपुरा स्थित अघोर मोक्ष का द्वार में श्री जय नारायण सत्संग मण्डली ट्रस्ट में गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में पीठ महंत बाबा लालबाबू ने पूजन किया। गुरुदेव अघोराचार्य जयनारायण राम जी महाराज एवम अघोराचार्य बाबा गुलाब चन्द्र आनन्द जी महाराज की सुबह धूम धाम से श्रृंगार व आरती की गई।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 01:52 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 02:11 PM (IST)
तस्‍मै श्री गुरवे नम:... गुरु चरणों की वंदना संग चरणों की धूलि से माथे पर सजाया सौभाग्‍य का टीका
सेनपुरा चेतगंज वाराणसी स्थित अघोर मोक्ष का द्वार में गुरु पूर्णिमा पर्व पर पूजन।

वाराणसी, इंटरनेट डेस्‍क। धर्म संस्‍कृति और आध्‍यात्‍म की राजधानी गुरु वचनों और आशीषों से सदा ही समृद्ध रही है। राग विराग और अनुराग की नगरी काशी में गुरु पूर्णिमा का पर्व मठों और आश्रमों पर धूम धाम से मनाया जा रहा है। पड़ाव स्थित सर्वेश्‍वरी आश्रम, रवींद्र पुरी स्थित कीनाराम आश्रम, गड़वाघाट आश्रम और अघोरपीठ सेनपुरा चेतगंज तक में आयोजनों का सिलसिला सूर्योदय के साथ शुरू हुआ तो गुरु चरणों की रज लेने के लिए श्रद्धालुओं का तांता कोरोना संक्रमण काल के दौर में भी काशी में उमड़ पड़ा।

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सेनपुरा चेतगंज वाराणसी स्थित अघोर मोक्ष का द्वार में श्री जय नारायण सत्संग मण्डली ट्रस्ट में गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में पीठ के महंत बाबा लाल बाबू ने पूजन किया। गुरुदेव अघोराचार्य श्री जयनारायण राम जी महाराज एवम अघोराचार्य बाबा श्री गुलाब चन्द्र आनन्द जी महाराज की सुबह धूम धाम से श्रृंगार व आरती की गई। इस दौरान अघोर आश्रम में बाबा की पूजा और श्रृंगार के बाद कोरोना गाइडलाइन के तहत ही आस्‍थावानों को दर्शन और पूजन करने का अवसर मिला। 

वहीं काशी में पड़ाव स्थित अघोरेश्वर आश्रम में अनिल बाबा का गुरु पूर्णिमा पर दर्शन पूजन करने भक्त पहुंचे और गुरु चरणों की वंदना कर प्रसाद ग्रहण किया। वहीं दूसरी ओ कीनाराम आश्रम में भी सुबह से दर्शन पूजन और प्रसाद ग्रहण करने के लिए आस्‍थावानों की भीड़ लगी रही। वहीं गड़वाघाट आश्रम में भी आस्‍थावानों ने हाजिरी लगाई और गोशाला में जाकर गायों को गुड़ और चारा खिलाकर पुण्‍य की कामना की। वहीं अन्‍य प्रमुख आश्रमों में भी सुबह से पूजन अनुष्‍ठान और प्रसाद वितरण का क्रम शुरू हुआ तो दोपहर तक दर्शन पूजन का अनवरत क्रम चलता रहा। हालांकि, आश्रमों में सुबह से ही लोग आने लगे मगर कोरोना संक्रमण की वजह से लोगों की भीड़ काफी कम रही।


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