बलिया में कठौड़ा से लेकर डुहा बिहरा तक रिंग बंधे पर बढ़ा सरयू नदी का दबाव, स्थाई ठोकर की मांग
बलिया जिले में कठौड़ा से लेकर डुहा बिहरा तक रिंग बंधे पर बढ़ा सरयू नदी का दबाव स्थाई ठोकर की नागरिकों ने मांग की है।
बलिया, जेएनएन। सिकंदरपुर तहसील क्षेत्र के सरयू नदी के किनारे रिंग बंधे पर बनाए गए बाढ़ विभाग द्वारा तटबंध को कभी भी सरयू नदी का पानी अपने वेग से तोड़ सकता है। जिससे क्षेत्र में स्थिति भयावह हो जाएगी। ज्ञात हो कि स्थानीय तहसील क्षेत्र के कठौड़ा से लेकर के डुहा बिहरा तक प्रत्येक वर्ष बरसात के महीने में नदी के पानी का दबाव बढ़ जाता है।
नदी के पानी के बढ़ते दबाव को देखते हुए प्रत्येक साल स्थानीय लोगों द्वारा इसके मरम्मत की मांग की जाती है और इसके स्थाई निर्माण के लिए भी इलाकाई लोगों द्वारा उच्चाधिकारियों से मांग की गई है। बावजूद इसके बाद भी विभाग द्वारा कागजी खानापूर्ति पूरी करते हुए नदी के पानी बढ़ने के साथ ही यह कार्य शुरू किया जाता है और जब तक नदी का पानी पूरे बरसात भराा रहता है तब तक विभाग द्वारा यह कार्य जारी रखा जाता है और जब पानी कम हो जाता है तो कार्य भी बंद हो जाता है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक जब पानी नदी में कम हो जाता है तब अगर तटबंध मजबूत बना दिया जाए तो प्रत्येक वर्ष पानी बढ़ने पर यह कार्य नहीं करना पड़ेगा। लोगों का मानना है कि भ्रष्टाचार की वजह से ही नदी का पानी बढ़ने पर यह कार्य कराया जाता है और सरकार के पैसे का दुरुपयोग भी किया जाता है। इस वर्ष भी कार्य को किया गया है लेकिन 500 से 1000 बोरी नदी के किनारे रिग बंधे पर तटबंध बनाकर कागजी खानापूर्ति कर ठेकेदार तो यहां से चला जाता है लेकिन स्थानीय लोग हमेशा पानी के बढ़ते दबाव से सशंकित रहते हैं।
कठौड़ा निवासी उपेंद्र राय, नन्हे दुबे, सोनू राय, पीयूष दुबे, धन्नू राय, मोनू राय, सिंटू राय सहित दर्जनों गांव के लोगों ने कहा कि कठौड़ा से लेकर डुंहा बिहरा के बीच एक स्थाई ठोकर का निर्माण की मांग की है जिससे कि प्रत्येक वर्ष सरकार के धन के दुरुपयोग को रोका जा सकता है और स्थाई निदान भी स्थानीय लोगों को मिल जाएगा।
30 बीघा मक्का, परवल और शकरकंद के खेत सरयू की भेंट चढ़े
बैरिया तहसील क्षेत्र के उत्तरी किनारे पर बहने वाली सरयू नदी पिछले 48 घंटे से घटाव पर है। बावजूद उतरती लहरों का कहर उत्तरी दियरांचल के उपजाऊ खेती पर टूट रहा है। पिछले तीन दिनों के अंदर गोपाल नगर ग्राम पंचायत के किसानों के मक्का, परवल और शकरकंद के 30 बीघा से अधिक जमीन सरयू नदी के कटान में समा चुके हैं। माथा पीट रहे किसानों का कहना है कि अब तो कागज में ही हमारे खेत बचे हैं। सरजू नदी का कटान इस साल उत्तर उस पार बिहार के सारण जिले के फुलवरिया, डुमाईगढ़, मटियार गांवों के खेतों के बजाय सरयू नदी के दक्षिण उत्तर प्रदेश की सीमा में पड़ने वाले गोपाल नगर के दियारे में कटान जारी है। गोपाल नगर के हीरालाल यादव, परमात्मा यादव, काशी यादव, अनिल सिंह, सतीश सिंह, बबन सिंह, सवालिया सिंह, मुन्ना सिंह, कमल देव मिश्र सहित दर्जनों किसानों के मक्का, परवल तथा शकरकंद के खेत कट चुके हैं। यह किसान अब भूमिहीन होते जा रहे हैं। उधर सिंचाई विभाग के रेगुलेटर चांदपुर से जारी मंगलवार को नदी 58.16 मीटर पर बह रही है।