पर्यटन व बौद्ध भूमि सारनाथ रेलवे स्टेशन गंदगी से बदहाल, प्रशासन की खामोशी से चिंता
पर्यटन व बौद्ध भूमि के लिहाज से अंतरराष्ट्रीय नक्शे पर अपनी पहचान बना चुके सारनाथ के रेलवे स्टेशन की बदहाली इसकी साख पर बट्टा लगाने का काम कर रही है।
वाराणसी, जेएनएन। पर्यटन व बौद्ध भूमि के लिहाज से अंतरराष्ट्रीय नक्शे पर अपनी पहचान बना चुके सारनाथ के रेलवे स्टेशन की बदहाली इसकी साख पर बट्टा लगाने का काम कर रही है। ये हाल तब है जब केंद्र सरकार सारनाथ रेलवे स्टेशन को बौद्ध नगरी के महत्व को ध्यान में रखते हुए विकसित करने पर जोर दे रही है। स्थानीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण स्टेशन गंदगी और बदहाली की भेंट चढ़ गया है। स्टेशन पर लगे कूड़े के अंबार और उससे उठने वाली दुर्गध मुसाफिरों का बैठना मुश्किल कर रही है।
जगह-जगह जमी काई से लोगों का चलना मुश्किल हो रहा है। काई की फिसलन और पानी के कारण दिन-रात के समय यात्री गिरकर घायल हो रहे हैं। वहीं स्टेशन अधीक्षक एसपी सिंह इस बाबत गंदगी की जानकारी न होने की बात कह रहे हैं। प्लेटफार्म संख्या एक के परिचालन भवन के ठीक बाहर कूड़े का ढेर लोगों का स्वागत कर रहा है। कुछ ऐसा ही नजारा टिकट आरक्षण भवन व आरक्षण केंद्र का भी है। यहां जमा कूड़े को देख लगता है कि शायद एक महीने से सफाई की सुध किसी जिम्मेदार ने नहीं ली हो।
बलिया जा रहे यात्री राकेश ने बताया कि कूड़े के ढेर के कारण बार बार इधर से उधर सामान लेकर जाना पड़ रहा है। बलिया के ही बेल्थरा रोड के चंद्रभान ने बताया कि महत्वपूर्ण स्टेशन होने के बावजूद बेल्थरा रोड स्टेशन से यहां ज्यादा गंदगी है। स्टेशन की गंदगी पर डीआरएम वीके पंजियार ने कहा कि स्टेशन पर गंदगी के मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की जाएगी।