वाराणसी में 84 घंटे के भीतर कार्रवाई न होने पर संतुष्टि कालेज के छात्रों ने दी आत्मदाह की धमकी
संतुष्टि आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज के बीएएमएस के छात्रों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कालेज प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सुंदरपुर स्थित संतुष्टि हास्पिटल के सामने छात्रों का बेमियादी धरना 16वें दिन गुरुवार को भी जारी है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। संतुष्टि आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज के बीएएमएस के छात्रों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कालेज प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सुंदरपुर स्थित संतुष्टि हास्पिटल के सामने छात्रों का बेमियादी धरना 16वें दिन गुरुवार को भी जारी है। मेडिकल के छात्रों ने 84 घंटे के भीतर कार्रवाई न होने पर आत्मदाह की धमकी दी है।
छात्रों ने कालेज प्रबंधन ने बीएएमएस छात्रों के संग धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि सीसीआइएम ने संतुष्टि मेडिकल कालेज की मान्यता वर्ष 2017 में ही समाप्त कर दी थी। इसके खिलाफ कालेज प्रबंधन ने हाईकोर्ट की शरण ली। हईकोर्ट के आदेश से उन्होंने बीएएमएस में दाखिला तो लिया लेकिन हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया। हाईकोर्ट ने 150 दिन में मान्यता की शर्त पूरा करने का भी निर्देश दिया था। कहा कि मेधावी छात्रों को अंधेरे में रखकर दाखिला ले लिया गया।
यही नहीं मान्यता न होने के बावजूद सत्र-2018-19 व सत्र 2019-20 में दाखिला लिया। मान्यता के अभाव में प्रथम व्यावसायिक पाठ्यक्रम की परीक्षा अब तक नहीं हो सकी है। परीक्षा न होने के बावजूद प्रथम व द्वितीय व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का शुल्क भी वसूला गया। इसके चलते हम लोग पिछले तीन सालों से इधर-उधर भटक रहे हैं। सत्र 2019-20 बैच का भी यही हाल है। कहा कि इस संबंध में हमलोग शासन-प्रशासन तक गुहार लगा चुके हैं। इसके बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में हम लोगों को सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। ऐसे में शुल्क वापसी व दूसरे मेडिकल से संबद्ध होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
छात्रों को फंसाने में आयुष भी दोषी कम नहीं : मान्यता न होने के कारण काशी विद्यापीठ से संबद्ध तीन आयुर्वेद कालेजों के करीब 300 छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। इसके लिए आयुष भी कम दोषी नहीं है। नीट पास करने वाले छात्रों जहां अमान्य आयुर्वेद कालेजों दाखिले के लिए एलाटमेंट लेटर दिया। वहीं आयुष काउंसिलिंग के माध्यम से भी इन कालेजों में दाखिले कराने हरी झंडी दी गई। इसे देखते हुए कुछ छात्रों ने मैनेजमेंट कोटा से सीधे संबंधित कालेजों में दाखिला ले लिया। ऐसे कालेज प्रबंधन का दावा है छात्रों यह जानकारी थी कि हाई कोर्ट के आदेश पर दाखिला मिल रहा है। एलाटमेंंट लेटर में इसका उल्लेख भी है। जबकि छात्रों का दावा है कि एलाटमेंट लेटर में इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया था। ऐसे में बगैर मान्यता वाले मेडिकल कालेजों में बीएएमएस में दाखिले के लिए आयुष भी कम दोषी नहीं है।